राजस्थान में खनिज तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में अप्रैल माह में राजस्व प्राप्ति का नया रेकार्ड बना है। खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग द्वारा राज्य में राजस्व प्राप्ति के नित नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल के अनुसार अप्रेल माह में खनिज तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र से 550 करोड़ 91 लाख रूपये का राजस्व अर्जित किया गया है। यह अप्रेल, 21 की तुलना में डेढ़ गुणा से भी अधिक है, तो किसी एक माह में राजस्व अर्जन का यह नया रिकॉर्ड है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अप्रेल-22 में 509 करोड़ 16 लाख रूपए का राजस्व खनिज तेल से प्राप्त हुआ है वहीं 41 करोड़ 73 लाख रूपये का राजस्व प्राकृतिक गैस क्षेत्र से प्राप्त हुआ है। बीते साल अप्रेल 21 में 299 करोड़ 52 लाख रूपए का राजस्व अर्जित किया गया था। मार्च 22 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में राज्य में प्राकृतिक गैस के उत्पादन में विगत 13 साल में सात गुणा बढ़ोतरी हुई है तो राज्य सरकार को राजस्व प्राप्ति में 113 गुणा से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गत वित्त वर्ष में रेकार्ड 1570 मिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन कर 384 करोड़ 54 रु. राजस्व प्राप्त हुआ है। प्रदेश में औसतन एक लाख 13 हजार बैरल प्रतिदिन से एक लाख 14 हजार बैरल प्रतिदिन खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 14 जिलों के डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चार पेट्रोलियम बेसिन फैले हुए हैं। बाड़मेर-सांचोर बेसिन, जैसलमेर बेसिन, बीकानेर-नागौर बेसिन में बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू व विंध्यान बेसिन में कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, भीलवाड़ा और चितौड़गढ़ जिले का कुछ हिस्सा शामिल है। बाड़मेर बेसिन में क्रूड ऑयल के उत्पादन को बनाए रखने के लिए एनहांस्ड ऑयल रिकवरी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
