हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में भाषा विवाद के बीच अब महेश बाबू ने बॉलीवुड को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। महेश एक ट्रेलर लॉन्च इवेंट में पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने कहा, बॉलीवुड मुझे अफोर्ड नहीं कर सकता, इसलिए मैं हिंदी फिल्मों में काम करके अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता हूं।
महेश बाबू फिल्म मेजर के ट्रेलर लॉन्च इवेंट में पहुंचे थे। जहां उनसे मीडिया ने बॉलीवुड डेब्यू के बारे में पूछा तो महेश ने कहा, ऐसा नहीं है कि मुझे ऑफर्स नहीं मिले, लेकिन मुझे लगता है कि वो लोग मुझे अफोर्ड नहीं कर सकते। मैं हिंदी में काम करके अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता, जो मुझे अफोर्ड ही नहीं कर सकते हैं।
मुझे मेरी दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री में जो स्टारडम और मान-सम्मान मिला है, वह बहुत बड़ा है। इसीलिए मैं कभी इस इंडस्ट्री को छोड़कर दूसरी इंडस्ट्री में काम करने की सोच ही नहीं सकता हूं। मैं हमेशा फिल्में करने और बड़ा बनने के बारे में सोचता हूं। मेरे सपने अब पूरे हो रहे हैं।
महेश ने आगे कहा, मेरा मकसद खुद को पैन इंडिया स्टार के रूप में पेश करना नहीं है, बल्कि दक्षिण की फिल्मों को पूरे इंडिया में सफल बनाना है। मैं हमेशा से तेलुगु फिल्में करना चाहता था और ये भी चाहता था कि इसे पूरे भारत के लोग देखें। अब जब ऐसा हो रहा है तो मैं बहुत खुश हूं। मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि मेरी ताकत तेलुगु फिल्में ही हैं। इसने ही सभी सीमाओं को पार कर बॉलीवुड, टॉलीवुड को भारतीय सिनेमा बनाया है।
महेश बाबू ने सिनेमा में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कदम रखा था। उनकी पहली फिल्म 1983 में रिलीज हुई ‘पोरातम’ थी। इसके बाद बतौर लीड एक्टर 1999 में रिलीज हुई तेलुगु फिल्म ‘राजा कुमारुदु’ में महेश बाबू नजर आए। इनकी अधिकतर कमाई फिल्मों और विज्ञापनों से ही होती है। वो एक फिल्म के लिए 55 करोड़ रुपए लेते हैं, जबकि एक विज्ञापन के लिए भी कई करोड़ रुपए चार्ज करते हैं।
