कोटा में पॉक्सो कोर्ट जज दीपक दुबे 6 साल की मासूम से मदरसे में रेप करने वाले मौलवी को अंतिम सांस तक कैद की सजा सुनाते हुए भावुक हो गए। उन्होंने अपने फैसले में ये कविता भी लिखी…
‘ओ मेरी नन्ही मासूम परी रानी तुम खुश हो जाओ….तुम्हें रुलाने वाले दुष्ट राक्षस को हमने जिंदगी की आखिरी सांस तक के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया है…..अब तुम इस धरती पर निडर होकर अपने सपनों के खुले आसमान में पंख लगाकर उड़ सकती हो……तुम सदा हंसती रहो, चहकती रहो, बस यही प्रयास है हमारा…..
5 माह पुराने इस मामले में पॉक्सो कोर्ट-3 ने मंगलवार को मौलवी अब्दुल रहीम (43) को सजा सुनाई औऱ 1 लाख अर्थदंड भी लगाया गया। रेपिस्ट अब्दुल, रामपुरा (कोटा) का रहने वाला है। वह पेशे से उर्दू टीचर था। बच्चों को उर्दू पढ़ाता था। उसने ट्यूशन पढ़ने आई 6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया था। रेपिस्ट खुद 4 बच्चों का पिता है। उसकी 1 बेटी व 3 बेटे हैं। अब्दुल 4 महीने पहले पीड़िता के गांव में आया था। यहां मदरसे में अकेला रहता था। उसे पिछले साल 14 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
विशिष्ट लोक अभियोजक ललित शर्मा ने बताया कि मासूम के परिजनों ने 14 नवंबर को कोटा के दीगोद थाने में शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि अब्दुल रहीम पिछले 4 महीने से गांव के मदरसे में रहता था। बच्चों को उर्दू की तालीम देता था। उनकी 6 साल की बेटी भी उर्दू पढ़ने मौलवी के पास जाती थी। 13 नवंबर को दोपहर 3 बजे बेटी उर्दू पढ़ने मौलवी के पास गई थी। शाम 4 बजे रोती हुई घर लौटी। उसने आपबीती सुनाई। पुलिस ने 14 नवंबर, 21 को अब्दुल को गिरफ्तार किया। जांच के बाद 6 जनवरी को कोर्ट में चालान पेश किया। फरवरी में मौलवी के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय हुए। कोर्ट में 13 गवाहों के बयान कराए गए थे।
