
महंगी दवाओं के कारोबार में मुनाफा भी खूब होता है।खासकर उन दवाओं में जहां एक टैबलेट की कीमत 100 रुपये से अधिक होती है। दवा मूल्य नियामक राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के विश्लेषण में यह बात सामने आई है। नियामक ने शुक्रवार को बड़ी दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर गैर-अनुसूचित दवाओं पर व्यापारियों के लाभ को तर्कसंगत बनाने के तरीके पर चर्चा की।
जबकि गैर-अनुसूचित दवाएं सरकार के मूल्य नियंत्रण तंत्र के अंतर्गत नहीं आती हैं।ऐसे में व्यापार मुनाफा युक्तिकरण (टीएमआर) के जरिए आपूर्ति श्रृंखला में व्यापार लाभ को सीमित करके मूल्य निर्धारण किया जाता है। दवा निर्माताओं के लिए दवाओं के व्यापार की कीमत और अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के रूप में रोगियों के लिए मूल्य के बीच का जो अंतर है, वास्तव में वही दवा का कारोबारी मुनाफा (ट्रेड मार्जिंस) कहलाता है।
नियामक के टीएमआर विश्लेषण पर प्रस्तुति के अनुसारएक टैबलेट की कीमत के साथ एक व्यापारी का मुनाफा अधिक होता है। उदाहरण के लिएयदि किसी टैबलेट की कीमत 2 रुपये तक है, तो अधिकांश ब्रांडों में फायदा 50 फीसदीतक है।यदि इसकी कीमत 15 रुपये से 25 रुपये के बीच है तो मुनाफा 40 फीसदीसे कम है।
50-100 रुपये प्रति टैबलेट श्रेणी में कम से कम 2.97 फीसदीदवाओं का व्यापार मुनाफा 50 फीसदीऔर 100 फीसदीके बीच है।इसी श्रेणी में 1.25 फीसदीदवाओं का लाभ 100 -200 फीसदीके बीच है, जबकि 2.41 फीसदीदवाओं का मुनाफा 200 से 500 फीसदी के बीच है। एनपीपीए की प्रेजेंटेशन के अनुसारसबसे महंगी श्रेणी मानी जाने वाली 100 रुपये प्रति टैबलेट से अधिक की दवाओं के मामले में 8 फीसदीदवाओं का मुनाफा लगभग 200 से 500 फीसदी, 2.7 फीसदीदवाओं का लाभ 500-1000 फीसदीके आसपास है और 1.48 फीसदीका मुनाफा 1000 फीसदीसे अधिक है।
प्रेजेंटेशन से पता चलता है कि भारत में गैर-अनुसूचित दवाओं का वार्षिक कारोबार 1.37 लाख करोड़ से अधिक है, जो भारत के फार्मा बाजार के वार्षिक कारोबार का लगभग 81 फीसदीहै। 2018-19 मेंएनपीपीए ने 42 चुनिंदा गैर-अनुसूचित कैंसर रोधी दवाओं के व्यापार मुनाफे की सीमा तय कर दी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में कहा था कि इस कदम से इन दवाओं के 526 ब्रांडों के एमआरपी में 90 फीसदीतक की कमी आई है।वही,इस वर्षएनपीपीए ने पांच चिकित्सा उपकरणों के व्यापार मुनाफा तय करने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है, जो कोविड -19 महामारी की अवधि के दौरान जरूरी हैं।