
भारत में नॉन-वेज खाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2019-21) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15-49 साल के 84.4 फीसदीपुरुष और 70.6 फीसदी महिलाएं नॉन-वेज खाती हैं। 2015-16 की रिपोर्ट के मुकाबले नॉन-वेज खाने वाले पुरुषों की संख्या में 5 फीसदीऔर महिलाओं की संख्या में 0.6 फीसदीकी बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि गांवों की तुलना में शहरों में ज्यादा मांसाहरी हैं। 2019-20 के आकड़ें देखें तो 49.1 फीसदी ग्रामीण तो 55.4 फीसदी शहरी लोग मांस खाते हैं। 2015-16 की सर्वे रिपोर्ट में यही संख्या क्रमशः 42.95 फीसदी औऱ 50.0 फीसदी थी। धर्म के आधार का रिकार्ड तो और चौंकाने वाला है।
नॉनवेज खाने वाले जैन व हिंदुओं की संख्या 6 साल में तेजी से बढी है। मुसलमान तथा क्रिश्चियन को तो मांसाहारी वैसे भी माना जाता है, लेकिन मीट सेवन के खिलाफ आवाज उठाने वाली औऱ इसपर रोक लगाने की आएदिन मांग करने वाली जातियों में नॉनवेज का शौक बढना आश्चर्यजनक है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार हिंदू मांसाहारियों की संख्या 2015-16 में 41.55 फीसदी से बढकर 2019-20 में 46.6 फीसदी हो गई। वहीं, जैनियों में 6.05 फीसदी (2015-16) से बढकर 9.6 फीसदी (2019-20) हो गई। क्रिश्चियन मांसाहारी इन छह सालों में 74.95 फीसदी से 79.0 फीसदी हो गए, जबकि मुसलमान 70.2 फीसदी से 74.85 फीसदी हो गए।