
जोधपुर में जल संकट के गंभीर हालात बन गए हैं। नहरबंदी के कारण सप्लाई बाधित थी। क्लोजर की अवधि बढ़ने से पंजाब से पानी में आने वक्त लगेगा। ऐसे में जोधपुर के जलाशयों में जितना पानी बचा है, उसी से काम चलाना पड़ेगा। पंजाब से पानी आने में 10 और दिन लगेंगे। हालात देखते हुए जोधपुर प्रशासन ने जलदाय विभाग से आपूर्ति का जिम्मा अपने हाथ में ले कर पानी पर पहरा बिठा दिया है।
60 दिन की नहर बंदी के कारण जोधपुर में आपूर्ति के लिए पानी को बेहद संभल कर खर्च किया जा रहा था। पंजाब में नहर टूटने से पानी आने में दस दिन और लगेंगे। जोधपुर के पास अब दस दिन तक प्यास बुझाने लायक पानी भी नहीं है। पानी की किल्लत देखकर प्रशासन भी सतर्क है।
जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने शहर में संभावित पेयजल समस्याओं को देखते हुए जलापूर्ति प्रबंधन के लिए इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम गठित की है। इसके तहत शहर के फिल्टर प्लांट्स पर 24 घंटे पुलिस फोर्स तैनात रखने के निर्देश हैं। शहर के कायलाना, चौपासनी, तखतसागर और झालामंड फिल्टर प्लांट की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पुलिस तैनात है। हर प्लांट पर 4 से 5 सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं।
कायलाना व तख्तसागर झील पर पुलिस मुस्तैद है। फिल्टर प्लांटों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। पानी की बर्बादी करने वालों पर नगर निगम नजर रखेगा और जुर्माना लगाएगा। जिला कलेक्टर ने टीम के प्रभारी के रूप में अधिशासी अभियंता, मॉनिटरिंग जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जोधपुर अनिल पुरोहित को नियुक्त किया है। आदेशानुसार इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम नहरबंदी के दौरान जलापूर्ति को सुनिश्चित करेगी।
वहां जिला प्रशासन ने टैंकर से पानी सप्लाई की व्यवस्था की है। इसके अलावा ऑटो से जल संकट के हालात और पानी बचाने के संदेश दिए जा रहे हैं। लोगों को आगाह किया जा रहा है और हालात में सब्र बनाए रखने की अपील की जा रही है। नहरबंदी की अवधि बढ़ने पर शहर में जलापूर्ति 48 घंटों के अंतराल के बजाय 72 घंटों के अंतराल पर की जाएगी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग नगर सर्कल के अधीक्षण अभियंता जगदीश चंद्र व्यास ने बताया कि प्रस्तावित 60 दिनों की इंदिरा गांधी नहरबंदी 21 मई तक पूरी होनी थी। पर पंजाब में नहर टूटने और मरम्मत के काम के कारण अब नहरबंदी की अवधि आगे बढ़ने की संभावना है। इसके चलते जोधपुर शहर के जलाशयों में पर्याप्त जल रखने के लिए शहर में आगामी शटडाउन हर दो दिन बाद किया जाएगा।