
अलवर में पत्नी के हाथों पिटने वाले स्कूल प्रिंसिपल अजीत यादव ने अपना दुखड़ा रोया है। वहीं, आरोपी पत्नी सुमन का अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। उसके घर पर भी ताला लगा हुआ है। पुलिस के अनुसार पत्नी की ओर से कोई शिकायत दर्ज नही कराई गई है।
पीड़ित प्रिंसिपल ने पत्नी की बेरहमी की कहानी डरते-डरते बताई। उन्होंने बताया कि वह पत्नी की पिटाई केवल बच्चे के लिए सहन करते रहे, ताकि उसका घर न टूटे। उनको खुद नहीं पता कि पत्नी किस बात को लेकर उसकी पिटाई कर रही है। प्रिंसिपल ने बताया कि यहां तक कि उनके कपड़े फाड़ दिए और जला दिए गए। कुछ सालों में जब उसका अत्याचार बढ़ने लगा तो आखिर यह कदम उठाना पड़ा। पीड़ित प्रिंसिपल का कहना है कि पत्नी उनकी प्रॉपर्टी अपने नाम करना चाहती थी। जिस मकान में वे रहते हैं, वो पीड़ित के नाम पर है।
अजित यादव ने बताया, मैं सरकारी स्कूल में हूं। दोनों की लव मैरिज है। 9 साल पहले बिना दान-दहेज से शादी की थी। शुरुआत में सब कुछ सही चल रहा था। कुछ समय बाद पता नहीं क्या हुआ, बात-बात पर पत्नी लड़ाई करने लगी। बिना किसी कारण से लड़ने लगती, झगड़ा करती । हाथ में जो आता उससे मारती। बैट हो या पाइप जो हाथ लगा ,उससे पिटाई शुरू। पता नहीं शायद, उसका स्वभाव ऐसा ही है। वह चाहती है कि फ्लैट मेरे नाम हो जाए। एक कारण यह भी हो सकता है, लेकिन कई बार तो कारण भी पता नहीं होता था कि वह क्यों मार रही है। मैं अपने बेटे की वजह से चुप था। घर नहीं टूटे इसलिए सहन करता रहा। पिछले कुछ साल से उसका अत्याचार बढ़ने लगा। घर के सारे सामान तोड़ दिए। यहां तक कि मेरे कपड़े कैंची से काट दिए और जला दिए। पता नहीं वो ऐसा क्यों करती थी?
पीड़ित पति ने बताया कि पत्नी औजार तो कभी तवे से पिटाई करती थी। पीड़ित ने उन औजार को भी दिखाया, जिससे उसके साथ मारपीट की गई। इनमें कई नुकीले औजार के साथ रिंच, पाना भी था। इन औजार के साथ सुमन ने कई बार अजीत को पीटा।
पीड़ित अजीत यादव हरियाणा के खरखड़ी स्कूल के प्रिंसिपल रैंक के टीचर हैं। उनका कहना है कि पत्नी सुमन भिवाड़ी का फ्लैट खुद के नाम चाहती थी। उसी में अभी दोनों रहते हैं। इसके अलावा दूसरी प्रॉपर्टी पर भी अपने नाम करवाने की जिद करती थी। इस मामले में पत्नी का कोई बयान सामने नहीं आया है। उसके आशियाना आंगन स्थित सोसायटी में बने मकान पर ताला लगा है।
अजीत यादव के वकील गोविंद सोनी का कहना है कि पत्नी इतना मारपीट करती थी कि अजीत मानसिक रूप से बीमार रहने लगे। हमने सीसीटीवी दिखाए तो पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिला। राजस्थान हाईकोर्ट गए। वहां से पुलिस प्रोटेक्शन दिया गया।
अब एक महीने से परिवादी अपने घर नहीं घुसा है। पत्नी की पिटाई का डर है। उसे लगता है कि मारपीट इतनी होने लगी है कि अब उसे खत्म किया जा सकता है। इसके बाद घर जाना बंद कर दिया। कभी हॉस्टल में, कभी पीजी में रुकने लगा था, जबकि यह फ्लैट पत्नी की जिद पर ही खरीदा गया था। वकील ने कहा कि सुमन का एक भाई अमेरिका में रहता है। ये दोनों मिलकर ही उसे परेशान करते आ रहे हैं।