
राज्यसभा चुनावों से पहले गहलोत सरकार ने सभी विभागों से तबादलों पर लगा बैन हटा लिया है। प्रशासनिक सुधार विभाग ने सोमवार को तबादलों पर लगा बैन तत्काल हटाने का आदेश जारी कर दिया। हालांकि बैन हटाने की समय सीमा तय नहीं की गई है।फिलहाल अगले आदेश तक बैन हटा है।
इस आदेश के बाद शिक्षा, मेडिकल, ऊर्जा सहित सभी विभागों में बड़ी संख्या में तबादले होने का रास्ता साफ हो गया है। गहलोत सरकार ने नौ महीने बाद तबादलों से बैन हटाया हैं। इससे पहले 14 जुलाई से एक महीने के लिए बैन हटाया था।बाद में इसे 15 दिन के लिए बढ़ाया था। सितंबर 2021 से तबादलों पर बैन लगा हुआ था।
राज्यसभा चुनावों के बीच तबादलों से बैन हटाने को सीधे तौर पर विधायकों को खुश करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। वर्तमान में विधायकों की राजनीति में ट्रांसफर पोस्टिंग जुड़े कामों का बहुत बड़ा रोल है।
कांग्रेस, निर्दलीय सहित सभी सरकार समर्थक विधायक तबादलों से रोक हटाने की मांग कर रहे थे। अब राज्यसभा चुनावों में गहलोत सरकार को तीन बाहरी उम्मीदवार जिताने के लिए 123 विधायकों को हर हाल में राजी रखना जरूरी है।खबर है कि बाहरी उम्मीदवारों के आने से राज्य कांग्रेस नेता नाराज हैं। उन्हें मनाकर सभी 123 विधायकों का समर्थन प्राप्त करने को तत्काल प्रभाव से तबादलों से रोक हटाई गई है।
ग्रेड थर्ड टीचर्स के तबादले पिछले साढ़े तीन साल में नहीं हुए। भाजपा राज में आखिरी बार 2013 में ग्रेड थर्ड टीचर्स के तबादले हुए थे। हजारों शिक्षक तबादलों का इंतजार कर रहे हैं। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने तबादला नीति से पहले बैन हटाने पर पुराने सिस्टम से तबादले करने के संकेत दिए थे। इस दौरान 50 हजार से ज्यादा शिक्षकों के तबादले होने की संभावना है।तबादलों में विधायकों की सिफारिश चलेगी। कांग्रेस और समर्थक विधायकों की डिजायर के आधार पर तबादले होंगे। पहले भी इसी सिस्टम से तबादले होते रहे हैं। इस बार राज्यसभा चुनाव से पहले बैन हटा है, इसलिए विधायकों की सिफारिश ज्यादा चलेगी। इस बार एक लाख से ज्यादा तबादले होने की संभावना है। शिक्षा विभाग में गर्मी की छुट्टियों में ही आम तौर पर तबादले होते हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो।
अब विभागवार तबादलों के लिए टाइम टेबल और एसओपी अलग से जारी होगी। अभी विभागवार तबादलों की प्रक्रिया और टाइम टेबल जारी नहीं किया है।