प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा मामले के मास्टरमाइंड कहे जा रहे जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के घर आज बुलडोजर चला। इस कार्रवाई को प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने अंजाम दिया है। प्राधिकरण के इस कदम को हिंसा के बाद की कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन ध्वस्तीकरण का मामला पहले से ही संज्ञान में था और कागजी कार्रवाई भी चल रही थी।
प्राधिकरण का कहना था कि जावेद पंप ने बिना अनुमति के अपने घर के भूतल और पहली मंजिल पर 250X60 फीट का निर्माण कराया है। इसको लेकर 10 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इस मामले में जावेद पंप को 24 मई को सुनवाई के लिए पेश होना था, लेकिन न वो पेश हुआ और न ही कोई जवाब दिया। अथॉरिटी ने 25 मई को ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया, जो घर के बाहर चस्पा भी किया गया था। इस बाबत सूचना दी गई थी कि 9 जून तक अतिक्रमण वाला हिस्सा ध्वस्त करके अथॉरिटी को सूचित करें, लेकिन जावेद पंप ने न सूचना दी और न ही अतिक्रमण वाले हिस्से को ढहाया।
प्राधिकरण की ओर से 10 जून को जारी किए पत्र में 12 जून को सुबह 11 बजे तक घर को खाली करने का आदेश दिया गया था, जिसके बाद रविवार दोपहर 12.45 बजे पुलिस और प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच बुलडोजर एक्शन शुरू हुआ। जावेद पंप को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। प्रयागराज के अटाला निवासी जावेद पंप का सियासी कनेक्शन भी सामने आया है। जावेद पंप वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया का प्रदेश महासचिव है। बताया जा रहा है कि जावेद पंप कभी टुल्लू पंप का काम किया करता था। तभी से उसके नाम के आगे पंप जुड़ गया। लोग उसे जावेद पंप कहकर बुलाने लगे और ये उसकी पहचान बन गया।
एसएसपी ने बताया कि मोहम्मद जावेद की एक बेटी जेएनयू में पढ़ती है, जो जावेद को राय देने का काम करती है। अगर वह भी इस मामले में दोषी पाई गई तो दिल्ली पुलिस से संपर्क कर अपनी टीमें वहां भेजकर उसे हिरासत में लिया जाएगा। पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर प्रयागराज में जिस तरह बवाल मचा वो सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। प्रयागराज पुलिस की ओर से बताया गया कि दंगा करने वाले 90 लोगों को नामजद किया गया है। अभी तक 68 उपद्रवियों को कोर्ट में पेश करके उन्हें नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया है।
