राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हो गया है। इसबार माली, कुशवाहा शाक्य औऱ मौर्य समाज अलग से 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हैं। समाज के सैकड़ों लोग हाथों में लाठियां लेकर भरतपुर में नेशनल हाईवे-21 पर रविवार से जाम लगाए हुए हैं। संभागीय आयुक्त ने सोमवार सुबह 11 बजे से 24 घंटे के लिए चार कस्बों में इंटरनेट बंद कर दिया।
आरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक लक्ष्मण सिंह कुशवाहा ने कहा- समाज के लोग संविधान के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद संख्या 16 (4) में व्यवस्था दी गई है कि वे जातियां जो अति पिछड़ी हुईं हैं, उन्हें राज्य सरकार अपने स्तर पर आरक्षण दे सकती है। इसका केंद्र से कोई मतलब नहीं है। आज समाज में न तो कोई आईएएस अधिकारी है और न आरएएस है।
कुशवाहा ने कहा- हम जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मांग रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन आज तक कोई विचार नहीं किया। जिसके बाद मजबूर होकर समाज के लोगों ने चक्का जाम किया है। अभी तक सरकार का कोई प्रतिनिधि बात करने अरोदा नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा- हम प्रशासनिक स्तर पर बात नहीं करेंगे।
भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने बताया कि माली, सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज की ओर से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है। उनके जाम लगाने से नेशनल हाईवे-21 पर जयपुर-आगरा के बीच यातायात बाधित हो गया है। शांति और कानून व्यवस्था को बिगड़ने की संभावना को देखते हुए इंटरनेट और ब्रॉडबैंड की सेवाओं पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए जिले की कानून व्यवस्था को ख़राब किया जा सकता है। इसलिए नदबई, वैर भुसावर और उच्चैन तहसीलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है। यह इंटरनेट 13 जून सुबह 11 बजे से 14 जून सुबह 11 बजे तक बंद रहेगा।
राजस्थान सरकार में मंत्री विश्वेंद्र सिंह और संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा को सरकार ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए अधिकृत कर दिया है। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोमवार शाम इसकी जानकारी दी। सिंह ने कहा- हम बात करने के लिए तैयार है, लेकिन सवाल ये है कि आंदोलन कर रहे माली समाज के लोगों का नेता कौन है? हम किससे बात करें। 24 घंटे से इन लोगों ने हाईवे को जाम कर रखा है, लोगों को असुविधा हो रही है, किसी को कुछ हो गया तो जिम्मेदारी कौन लेगा। ये लोग सबसे पहले हाईवे खाली करे, वार्ता के लिए आ जाएं। अब गेंद उनके पाले में है।
