राजस्थान में हाल ही सम्पन्न राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर भाजपा की किरकिरी कराने वाली विधायक शोभारानी कुशवाह को पार्टी से निकाल दिया गया है। केंद्रीय अनुशासन समिति ने विधायक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
अनुशासन समिति ने शोभारानी को भेजे निष्कासन पत्र में कहा है कि स्पष्टीकरण देना तो दूर,आपने पार्टी नेतृत्व पर ही सार्वजनिक रूप से गलत आरोपों की झड़ी लगा दी।
भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक के पत्र में शोभारानी से कहा है कि आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी ने निष्कासित किया जाता है। पार्टी की ओर से दिए गए बाकी दायित्व से भी हटाया जाता है। उन्होंने पार्टी के विधायक होने के नाते अनुशासन की जिन सीमाओं को लांघा है, उस पर कार्रवाई अलग से की जाएगी।
अनुशासन समिति ने पत्र में शोभारानी से कहा- 10 जून को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया था कि क्यों न अनुशासनहीनता के लिए आपको पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए। आपका स्पष्टीकरण 19 जून तक मिलना था। आपने अपना स्पष्टीकरण देना तो दूर, उल्टा नेतृत्व पर ही गलत आरोपों की सार्वजनिक रूप से झड़ी लगा दी।
केंद्रीय अनुशासन समिति आपके प्रेस नोट को आपका उत्तर मानकर और गम्भीरता से विचार करने के बाद इस फैसले पर पहुंची है कि आपने अपने पक्ष में कोई सफाई पेश नहीं की है। केवल पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और नेतृत्व पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। इसका मतलब साफ है कि आपको अपने बचाव में कुछ और नहीं कहना है। मीडिया के सामने मनगढ़ंत और अनर्गल बातों को सार्वजनिक करना भाजपा के संविधान के नियम की धारा 25 और रूल 10ए, बी,सी और डी के प्रोविजन का घोर उल्लंघन है।
भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह ने 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करके कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद तिवारी को वोट दे दिया था। उसी शाम भाजपा ने उनके निष्कासन की प्रक्रिया शुरु कर कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब तलब किया था। लेकिन शोभारानी कुशवाह ने अगले ही दिन 11 जून को पार्टी के खिलाफ खुलकर बगावत करते हुए पार्टी छोड़ने के संकेत दिए। शोभारानी ने बड़े नेताओं पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाकर हमला बोला।
शोभारानी ने कहा- किसी भी नेता का वजूद उनके कार्यकर्ताओं से होता है, इसलिए हमारे कार्यकर्ताओं ने निर्णय लिया है कि वे खुद ऐसी पार्टी में नहीं रहना चाहते हैं, जिसके राष्ट्रीय नेता ही अपने प्रत्याशियों को हराने का काम करें। अब तक मैंने, मेरे कुशवाह समाज और मेरे सभी सर्वसमाज के कार्यकर्ताओं ने धोखा बहुत खा लिया। अब कोई हमें दोबारा से धोखा दे, यह हमारे कार्यकर्ताओं को और हमें मंजूर नहीं है। जो पार्टी अपने ही उम्मीदवारों को हराए, उसमें कौन रहना चाहेगा?
धौलपुर विधायक शोभारानी ने कहा- 2017 में धौलपुर उपचुनाव के लिए मैं और मेरा कुशवाह समाज भाजपा के पास नहीं गए थे। मेरे परिवार को तबाह करने के बाद जब इनको लगा कि धौलपुर जिले के साथ-साथ पूरे राजस्थान का कुशवाह समाज भाजपा के हाथ से निकल सकता है तो खुद चलकर के आए थे। उन्होंने पार्टी नेताओं पर सवाल खड़े किए और कहा कि हमें विश्वासपात्रों में नहीं रखते हुए निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चन्द्रा को वोट देने के लिए कहा गया। उन्होंने सुभाष चन्द्रा के लिए भी कई बातें बोलीं।
