मध्य प्रदेश के खरगोन में दंगों को 2 महीने बीत चुके हैं। 25 दिन के लंबे कर्फ्यू के बाद वहां अब दुकानें तो खुल गई हैं, लेकिन ‘भरोसा’ टूट चुका है। लोग डरे हुए हैं। प्रशासन को भी पता है कि दंगों की राख में चिंगारी अब भी सुलग रही है। इस चिंगारी को रोकने के लिए राज्य सरकार ने अजीबो-गरीब निर्णय के तहत हिन्दू और मुसलमानों के मोहल्लों के बीच कांक्रीट की मजबूत दीवार खड़ी कर दी है।
खरगोन के खसखसवाड़ी और जमींदार मोहल्ले के बीच 12 फीट की कांक्रीट दीवार खड़ी कर दी गई है। दीवार के ऊपर बॉर्डर फेंसिंग भी लगाई गई है, ताकि कोई इसे फांद न सके। इसके अलावा संजय नगर में 2 जगहों पर और ब्राह्मणपुरी में बेरिकेड लगाए गए हैं। संजय नगर में पूर्व एसपी सिद्दार्थ चौधरी को दंगाइयों ने गोली मार दी थी। यहां हिन्दुओं के 12 से ज्यादा मकान जलाए गए थे। जिन लोगों के मकान जले थे, उन्होंने सरकारी मदद से अपने मकान तो रिपेयर करा लिए हैं, लेकिन यहां रहने आने से डर रहे हैं।
इस्लामपुरा में ज्यादातर मुस्लिम आबादी है। यहां रहने वाले इदरीश की दंगों के दौरान मौत हो गई थी। संकरी गलियों और कीचड़ भरी इस बस्ती के लोग कहते हैं कि अब सब कुछ सामान्य है। हालांकि, कुछ लोग आशंका जताते हुए कहते हैं कि इस बार शहर का पुराने समय में लौटना मुश्किल दिखता है। शहर के सबसे समृद्ध क्षेत्र सर्राफा बाजार में दंगाइयों को घुसने से रोकने के लिए मोहन टॉकीज की तरफ एक गली में बैरिकेड लगा दिए गए हैं। स्थानीय व्यापारी कहते हैं इसी रास्ते से दंगाई यहां आए थे। यही वजह है कि यहां बैरिकेड लगाया गया है। अब यहां पक्की दीवार बनाने की तैयारी है।
शहर के एसपी धर्मवीर सिंह भी मानते हैं कि दंगे भले ही शांत हो गए हैं, लेकिन दिलों की दूरियां कम नहीं हुई हैं। हम रोजाना फील्ड में जाकर लोगों से बात कर रहे हैं। उन्हें भरोसा दिला रहे हैं कि प्रशासन निष्पक्षता से काम कर रहा है। मोहल्लों में सद्भावना समिति बनाने की तैयारी है, ताकि स्थानीय लोगों की भागीदारी से माहौल ठीक हो सके। (भास्कर से साभार)
