अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार बैकफुट पर आती नजर आ रही है। इस योजना को जल्द से जल्द शुरू करने की तैयारी में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार उन विरोधी स्वरों को दबाने की कोशिश में जुटी है, जिनमें चार साल के बाद अग्निवीरों को रिटायर करने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस कवायद में रक्षा और गृह मंत्रालयों की ओर से अहम फैसले लिए जा रहे हैं।
आज लिए गए फैसलों में रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में अब अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। वहीं, गृह मंत्रालय ने अर्धसैन्य बलों और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण के साथ ही निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का बड़ा फैसला किया है। ‘अग्निपथ’ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने बताया है कि अग्निवीरों के रिटायरमेंट के बाद उन्हें सरकार की ओर से क्या सुविधा दी जाएगी। उन्होंने बताया, जो नौजवान चार वर्ष सेना में सेवा देने के बाद बाहर निकलेंगे, उन्हें भी सरकार की ओर से सुविधाएं दी जाएंगी। रिटायरमेंट के बाद जवानों को आजीवन अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। अग्निवीरों की सैनिक सेवा समाप्त होने के बाद कई सरकारी विभागों में चयन के लिए उन्हें प्राथमिकता दिए जाने की घोषणा हो चुकी है। यदि वे कोई और काम करना चाहेंगे तो उन्हें सस्ती दर पर कर्ज की भी सुविधा प्रधान की जाएगी। सिंह ने कहा कि देश की सेनाओं में अग्निवीर केवल नए फर्ती लाने भर का नाम नहीं है, बल्कि उन्हें भी वही श्रेष्ठ ट्रेनिंग दी जाएगी जो आज सेनाओं के जवानों को मिलती है। ट्रेनिंग का समय भले ही छोटा होगा, मगर गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।
सेना ने ‘अग्निपथ’ योजना के तहत रंगरूटों का प्रशिक्षण दिसंबर तक शुरू करने का लक्ष्य रखा है। सिंह ने बताया कि सेना ने अगले साल जून तक इस नई योजना के तहत भर्ती रंगरूटों के शुरुआती बैच को अभियानगत और गैर-अभियानगत भूमिकाओं में तैनात करने की योजना बनाई गई है।
