भारत के सबसे बड़े घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का नया चैंपियन मध्य प्रदेश बन गया। बेंगलुरु में खेले गए फाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने आज 41 बार की चैंपियन मुंबई को छह विकेट से हराकर पहली बार खिताब जीता।
पिछले कुछ सालों में देश में एक के बाद एक नई शक्तिशाली टीमें उभर कर सामने आ रही हैं। मप्र की खिताबी जीत भी इस तथ्य की पुष्टि करती है। 2014-15 से अब तक 8 सीजन में 6 अलग-अलग टीमों ने खिताब जीते हैं।
मैच के आज आखिरी दिन मुंबई की दूसरी पारी 269 रन के स्कोर पर सिमट गई। मप्र को जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उसने चार विकेट खोकर हासिल कर लिया। पहली पारी में मुंबई ने 374 रन बनाए थे, जिसके जवाब में मध्यप्रदेश ने 536 रन बनाते हुए 162 रन की बढ़त हासिल की थी।
मप्र ने मुंबई की पहली पारी के 374 रन के स्कोर के जवाब में 536 रन बनाकर अपना एक हाथ ट्रॉफी पर पहले ही रख दिया था। नियमों के अनुसार अगर फाइनल ड्रॉ होता है तो पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली टीम विजेता बनती है। हालांकि, मप्र ने आखिरी दिन छह विकेट से जीत हासिल कर खुद को इस ट्रॉफी का सच्चा हकदार साबित कर दिया।
फाइनल मे मप्र की ओर से तीन बल्लेबाजों यश दुबे (133 रन), शुभम शर्मा (116 रन) और रजत पाटीदार (122 रन) ने शतक जमाए। मप्र के गेंदबाजों ने अपना योगदान बखूबी दिया। गौरव यादव ने मैच में 6 विकेट लिए। कुमार कार्तिकेय के हाथ पांच सफलता लगी। बाकी गेंदबाजों ने भी उनका भरपूर सहयोग किया।
