रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल में आंकड़े जारी कर बताया कि इस साल मई में क्रेडिट कार्ड से खर्च अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। खुदरा मांग बढ़ने से मई में उपभोक्ताओं ने सिर्फ क्रेडिट के जरिये ही 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च कर दिया।
आरबीआई के हवाले से बताया गया कि पिछले साल मई के मुकाबले क्रेडिट कार्ड का खर्च इस साल दोगुने से भी ज्यादा रहा है। मई में उपभोक्ताओं ने रिकॉर्ड 1.14 लाख करोड़ रुपये क्रेडिट कार्ड से खर्च किए। यह सालाना आधार पर 118 फीसदी की वृद्धि है, जबकि मासिक आधार पर 8 फीसदी का उछाल दिख रहा है। महामारी और महंगाई जैसी चुनौतियों के दबाव में भी क्रेडिट कार्ड का बढ़ता खर्च अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत दे रहा है। इससे पता चलता है कि खुदरा इकॉनमी मजबूती के साथ बढ़ रही है और उपभोक्ता खपत में भी तेजी से सुधार आ रहा है।
आरबीआई के अनुसार इस साल अप्रैल में उपभोक्ताओं ने क्रेडिट कार्ड के जरिये 1.05 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि पिछले साल मई में यह खर्च महज 52,200 करोड़ रुपये था। आंकड़े बताते हैं कि क्रेडिट कार्ड पर खर्च बढ़ने के साथ उसके बकाए में भी वृद्धि हो रही है। मई में क्रेडिट कार्ड का कुल बकाया सालाना आधार पर 23.2 फीसदी बढ़ गया है।
आरबीआई रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रेडिट कार्ड से खर्च को लेकर सबसे ज्यादा बढ़ोतरी निजी बैंकों ने कराई है। इंडसइंड बैंक के क्रेडिट कार्ड खर्च में 17 फीसदी वृद्धि हुई है, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक के खर्च में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। इनके अलावा अन्य बैंकों के क्रेडिट खर्च में 4-9 फीसदी की वृद्धि हुई है। अमेरिकन एक्सप्रेस के क्रेडिट कार्ड खर्च में 2 फीसदी का नुकसान देखा गया है।
मई में सबसे ज्यादा ग्राहक एचडीएफसी बैंक ने जोड़े हैं। बैंक के नए ग्राहकों की संख्या 38 हजार पहुंच गई है। बाजार में क्रेडिट कार्ड से होने वाले कुल खर्च में एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी 27.7 फीसदी है, जो अप्रैल में 27.6 फीसदी और पिछले साल मार्च में 26.6 फीसदी है। मई में एक्सिस बैंक के क्रेडिट कार्ड खर्च में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि अन्य बैंकों में तेजी दिखी थी.
