
जैसलमेर में भारत-पाक सरहद पर बने तनोट माता मंदिर के लिए राजस्थान सरकार ने 17.67 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। अब सैलानियों के लिए इस इलाके में पर्यटन के नए आयाम स्थापित किए जाएंगे। सैलानियों के लिए बीएसएफ की ओर से डॉक्यूमेंट्री हथियार प्रदर्शनी और फोटो गैलरी आदि लगाई जाएगी।
पर्यटन विभाग प्रदेश में सरहदी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काफी समय से प्रयास कर रहा है। इसके लिए पर्यटन मंत्रालय और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बीच कई बैठक हुईं। पर्यटन मंत्रालय ने राजस्थान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तनोट कॉम्प्लेक्स को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए राजस्थान पर्यटन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
जैसलमेर के विश्व प्रसिद्ध तनोट माता मंदिर में अब सैलानियों के आकर्षण के लिए कई चीजों को लगाया जाएगा। तनोट परिसर में सैलानियों के लिए लगाए जाने वाले आकर्षणों का रख-रखाव और संचालन बीएसएफ की ओर से किया जाएगा। यहां आने वाले सैलानियों और भक्तों के लिए हथियारों के प्रदर्शन और अन्य प्रदर्शनियों की व्यवस्था भी सीमा सुरक्षा बल करेगा। सैलानियों को बबलियानवाला सीमा पर जाने और बॉर्डर पॉइंट पर रिट्रीट समारोह देखने का अवसर भी मिलेगा। तनोट से आगे बबलीयानवाला पोस्ट भी सैलानियों के लिए तैयार है, जहां रिट्रीट सेरेमनी आदि की तैयारियां चल रही है, जो बहुत जल्द सैलानियों के लिए खोली जाएगी। सरहदी पर्यटन से सीमावर्ती गांवों और रेगिस्तानी इलाके के निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे। स्थानीय लोक कलाकारों को भी कला प्रदर्शन के लिए बड़ा मंच मिलेगा।