
केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते भारत लौटे छात्रों को थोड़ी राहत दी है। अब अंडर ग्रेजुएट मेडिसिन कोर्स के अंतिम वर्ष वाले और अपनी पढ़ाई पूरी कर लेने वाले छात्रों को विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। बशर्ते उन्होंने संबंधित विदेशी मेडिकल यूनिवर्सिटी अथवा कॉलेज से 30 जून को या उससे पहले पाठ्यक्रम पूरा करने का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया हो।
भारत से हर वर्ष लाखों छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं। इनमें से ज्यादातर पूर्व सोवियत यूनियन के देशों या चीन जाते हैं। विदेशों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए कम खर्चा करना पड़ता है। ऐसे छात्र जो विदेशों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करते हैं, उन्हें भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए पहले फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (एफएमजीई) पास करना पड़ता है। जो छात्र इस परीक्षा को पास करते हैं, सिर्फ उन्हें ही भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने का मौका मिलता है।
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) साल में दो बार फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम का आयोजन करता है। हाल ही में ही फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन का आयोजन 4 जून को किया गया था, जिसके नतीजे चौंकाने वाले रहे। इस परीक्षा में कुल 22092 छात्रों ने भाग लिया था, जिसमें से केवल 2346 ही पास हो पाए। मतलब, रिजल्ट मात्र 10.61 फीसदी रहा। दिसंबर-2021 में आयोजित एफएमजीई परीक्षा का परिणाम 23.91 फीसदी रहा था। इससे पहले जून-2020 के सेशन में भी मात्र 9.53 फीसदी रिजल्ट रहा था।
औसतन इस परीक्षा का परिणाम 20 से 22 फीसदी रहता है। हालांकि यह परीक्षा अपने नियमों के कारण हमेशा विवादों में रहती है। एनबीई, एफएमजीई का आयोजन ऑनलाइन मोड में करता है। परीक्षा के बाद न आंसर-की रिलीज होती है और न ही छात्रों को आपत्ति दर्ज कराने का अवसर दिया जाता है। इसकी कट ऑफ तय है। छात्र को परीक्षा पास करने के लिए 300 में से 150 अंक हासिल करने जरूरी हैं। विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई का खर्च होना तो एक बात है, सबसे जरूरी बात है मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता। भारत में मेडिकल की पढ़ाई काफी कठिन होती है। डॉक्टर बनने की चाह रखने वाले छात्रों की पहली पसंद भारत ही होता है। विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने जाने वाले ज्यादातर छात्रों में वही शामिल होते हैं, जो भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली नीट परीक्षा पास नहीं कर पाते। नीट का आयोजन हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कराया जाता है।