उत्तराखंड में पूर्व मंत्री के बेटे के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की मौत पर लोगों का गुस्सा लगातार तीसरे दिन उफान पर रहा। प्रशासन से बातचीत के बाद परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हुआ। इसके बाद शव को मॉर्चुरी से श्मशान ले जाया गया। शव ले जाने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस रोकने की कोशिश की। एक महिला एंबुलेंस के सामने लेट गई, जिसे पुलिस ने हटाया। अंकिता के पिता ने मॉर्चुरी के बाहर जमा लोगों से अपील की, जिसके बाद भीड़ छटने लगी। अंतिम संस्कार अलकनंदा नदी किनारे किया गया। इस दौरान श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे।
इससे पहले, अंकिता के गृह नगर श्रीनगर में सैकड़ों लोगों ने उसकी फोटो लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन सुबह 9 बजे से शाम 5.30 तक चला। इससे बद्रीनाथ-ऋषिकेश हाईवे जाम लग गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार अंकिता की मौत पानी में डूबने से हुई। धक्का देने से पहले उसे किसी भारी चीज से पीटा गया। उसके शरीर पर चोट के निशान भी मिले। रिपोर्ट में रेप का जिक्र नहीं है। इधर, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से नाखुश अंकिता के परिवार ने पहले अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में पुलिस ने बातचीत कर परिवार को अंतिम संस्कार के लिए मना लिया। ऋषिकेश में अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा, जिस रिसॉर्ट में सबूत थे, प्रशासन ने उसे बुलडोजर से क्यों तोड़ा? ऐसा करके सबूत मिटाए गए हैं। जिले के डीएम विवेक जोगदंडे से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा- रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का आदेश किसने दिया, इसकी जांच की जा रही है।
