केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार महंगाई और जमाखोरी के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी। केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है कि त्योंहार के समय दाल और प्याज की कीमतें नहीं बढ़ सकेंगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि देश में इनका पर्याप्त भंडार मौजूद है और केंद्र सरकार कीमतों पर कड़ी नजर रखे हुए है। सिंह ने बताया कि कोई भी व्यापारी विदेश से मंगाई दालों को एक महीने से ज्यादा वक्त तक अपने पास होल्ड नहीं कर पाएगा। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से आयात की गईं मसूर और तूर दालों को कोई आयातक एक महीने से ज्यादा वक्त तक अपने पास होल्ड या उसकी जमाखोरी नहीं कर सकता है।
सरकार का कहना है कि दाल आयातकों को सीमा शुल्क के आधार पर निजी गोदामों में जमाखोरी की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सरकार ने ये दिशा निर्देश दालों की कीमतों पर काबू पाने के लिए जारी किए हैं। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही आयातकों के लिए भी नए दिशा निर्देश जारी कर सकती है। इसके तहत बाजारों में आयात हुई दालों को 1 महीने के भीतर ही बाजार में भेजना होगा। सिंह ने कहा कि उनके विभाग की खाद्य तेल, दाल, चाय, चीनी सहित 22 आवश्यक चीजों के दामों पर नजर है। आवश्यक वस्तुओं की स्थिति पर मंत्रालय निगरानी रखता है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास अभी भी दालों का 43 लाख टन का बफर भंडार मौजूद है। केंद्र, राज्यों को मिडडे मिल और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए दाल खरीदने के लिए कह रहा है। केंद्र सरकार, राज्यों को 8 रुपये प्रति किलो दाल मुहैया कराने के लिए तैयार है। अभी तक राज्यों को 8800 टन दाल सौंपी जा चुकी है।
