वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया है। मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर का कब्जा हिंदुओं को सौंपने से जुड़ा मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। इसकी सुनवाई नहीं होनी चाहिए। पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया कि इस मुकदमे पर सुनवाई संभव है।
गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने सहित तीन मांगों को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। जिन तीन मांगों पर सुनवाई होनी थी, उसमें एक याचिका किरन सिंह विसेन और अन्य की है, जिसमें ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई थी। इस पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति लगाई थी। कमेटी ने कहा था कि किरन सिंह विसेन की यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। विश्व वैदिक सनातन संघ के एडवोकेट अनुपम द्विवेदी के अनुसार अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि मुकदमा सुनवाई योग्य है। अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 2 दिसंबर तय की है। इससे पहले इस मुकदमे के संबंध में कोर्ट ने 17 नवंबर की तारीख दी थी। यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से दाखिल किया गया है। कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी कर उसकी लिखित प्रति दाखिल कर चुके थे।
