सोनी टेलीविजन के धारावाहिक अहिल्याबाई को लेकर विवाद शुरू हो गया है। 17 नवंबर को प्रसारित हुई इस शो की कड़ी में महाराजा सूरजमल को लेकर कहानी दिखाई गई। इसमें महाराजा के गलत चित्रण से नाराज लोगों ने हरियाणा और भरतपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
राजस्थान में भरतपुर के संस्थापक सूरजमल ने अपने जीवनकाल में 80 युद्ध लड़े और सभी जीते भी थे। सूरजमल ने दिल्ली पर भी विजय प्राप्त की थी। जानकारों के अनुसार पानीपत के युद्ध में हार के बाद पेशवा खंडेराव की पत्नी, बच्चों और सेना को महाराजा सूरजमल ने अपने राज्य में शरण दी थी। मगर अहिल्याबाई शो में उन्हें कायर दिखाया गया, जिसके बाद हरियाणा और भरतपुर में धारावाहिक को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
अहिल्याबाई सीरियल के निर्माता जैक्सन सेठी के खिलाफ हरियाणा के अलावा राजस्थान में भी कई जगहों पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र लिखकर धारावाहिक निर्माता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी सीरियल निर्माता के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये कह रहे हैं। विश्वेंद्र सिंह महाराजा सूरजमल के परिवार से आते बताए जाते हैं।
इस मामले में वरिष्ठ इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा का भी कहना है कि मराठों की सेना 1754 ईस्वी में महाराजा मल्हार राव होल्कर के पुत्र खांडेराव के नेतृत्व में जयपुर पहुंची। इसके बाद वह भरतपुर पहुंचे तो महाराजा सूरजमल से दो करोड़ रुपए मांगे। महाराजा सूरजमल ने इनकार कर दिया तो खांडेराव ने सेना के साथ कुम्हेर किले को घेर लिया। युद्ध में खांडेराव होल्कर तोप के गोले से मारा गए। खांडेराव होल्कर की मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए पूर्व महाराजा सूरजमल ने काले वस्त्र भेजे। गांगरसौली में मंदिर व छतरी बनवाई, जो कि आज भी स्थित है।
अहिल्याबाई शो निर्माता के खिलाफ भरतपुर जिले के कई थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आज भरतपुर पहुंचे राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी अपने संबोधन में कहा, महाराजा सूरजमल ने अपने जीवनकाल में 80 युद्ध लड़े और सभी में जीत हासिल की। महाराजा सूरजमल ने कभी कोई युद्ध नहीं हारा था। स्थानीय संगठनों ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपकर अहिल्याबाई के निर्माता जैक्सन सेठी पर कार्रवाई की मांग की है।
राजस्थान में ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी राजा-महाराजा की कहानी को लेकर हंगामा हुआ है। इससे पहले पद्मावत, पानीपत और पृथ्वीराज जैसी फिल्मों को लेकर भी विरोध हो चुका है।
