बीकानेर कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल को कार्यक्रम के सभागार से बाहर निकाल देने वाले पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ एकजुट हुई ब्यूरोक्रेसी की शिकायत ठंडे बस्ते में चली गई लगती है।
बीकानेर में इसी सोमवार को कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल को मंत्री मीणा ने कार्यक्रम के बीच में एक फोन उठाने पर बाहर चले जाने को कह दिया था। इसके बाद राजस्थान के इतिहास में पहली बार आईएएस एसोसिएशन ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। एसोसिएशन ने मुख्य सचिव उषा शर्मा और सीएम अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर मंत्री मीणा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। एसोसिएशन को प्रदेश के आईपीएस एसोसिएशन और आईएफएस एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया था। बहुत से कर्मचारी संगठनों ने भी इस मांग को समर्थन दिया था, लेकिन अब तक एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात तक नहीं हो पाई है। ब्यूरोक्रेसी के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में आईएएस एसोसिएशन को सरकार से कोई खास तवज्जो नहीं मिली है।
मीणा के खिलाफ भी किसी तरह की कोई कार्रवाई तो दूर, सीएम गहलोत के स्तर पर कोई बयान भी इस विषय में जारी नहीं हुआ है। आईएएस एसोसिएशन के सचिव डॉ. समित शर्मा ने इस संबंध में कहा कि यह मामला अब सीएस और सीएम के स्तर पर है। इससे ज्यादा कोई कमेंट अभी नहीं किया जा सकता।
राजस्थान में आम तौर पर कभी भी आईएएस एसोसिएशन किसी मंत्री से विवाद होने पर इस तरह से रिएक्ट नहीं करता है, जैसा इस बार हुआ है। राजस्थान में पिछले छह महीनों में ही खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना द्वारा सीएम गहलोत के प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका के पास ही सारी शक्तियां होने का आरोप लगाया गया। हाल ही मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक आईएएस अफसर द्वारा 46 लाख मैट्रिक टन गेहूं लैप्स कर देने की बात कह कर आईएएस अफसरों की एसीआर भरने का अधिकार मांगा। तब भी एसोसिएशन की ओर से कोई विरोध दर्ज नहीं करवाया गया। इसके अलावा मंत्री बी. डी. कल्ला से सुधीर वर्मा औऱ मंत्री महेश जोशी से सुधांश पंत का विवाद हुआ था, तब भी एसोसिएशन ने कोई विरोध नहीं किया था।
