भरतपुर में बीती रात एक पुलिसवाले सहित तीन भाइयों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। पुलिसकर्मी के बेटे से झगड़े के बाद पड़ोस में रहने वाले आरोपी ने अपने साथियों के साथ उसके परिवार पर हमला कर दिया। हमले में दो महिला व एक पुरुष बुरी तरह से घायल हो गए हैं। गोलियों की आवाज से इलाके में दहशत फैल गई और पूरे गांव में हड़कंप मच गया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को भरतपुर के जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। गांव में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
मामला भरतपुर के कुम्हेर थाना इलाके का है। पुलिस ने बताया कि यहां के सकरौरा गांव में आपसी रंजिश के चलते आरोपी युवक लाखन (31) ने अपने 10-11 साथियों के साथ मिलकर पड़ोस में रहने वाले गजेंद्र के परिवार पर ताबतोड़ फायरिंग कर दी। फायरिंग में तीन भाइयों समंदर (58), गजेंद्र (52) और ईश्वर (54) की मौत हो गई। जबकि गजेंद्र की पत्नी माया (48), गजेंद्र का बेटा टेनपाल (29) और टेनपाल की पत्नी रवीना (28) बुरी तरह जख्मी हो गए। गजेंद्र आरएसी अलवर में कॉन्स्टेबल था। वहीं, ईश्वर और समंदर गांव में ही खेती करते थे।
इस जघन्य हत्याकांड के बाद सुबह इलाके में गम और दहशत का माहौल रहा। डीग-भरतपुर रोड पर कुम्हेर अस्पताल के सामने रोड पर ही महिलाएं बैठकर विलाप करने लगीं। चीख-पुकार के बीच सुबह 8.30 बजे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने सड़क को जाम कर दिया। दो घंटे तक भारी पुलिस जाप्ते के बीच परिजन गिरफ्तारी की मांग करते रहे।
कुछ देर बाद कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, आईजी गौरव श्रीवास्तव, एसपी श्याम सिंह, कलेक्टर आलोक रंजन धरना स्थल पर पहुंच गए। उनके सामने परिजनों ने मुआवजे और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। मंत्री के आश्वासन के बाद सुबह 10.30 बजे धरना समाप्त कर दिया गया।
भरतपुर में करीब डेढ़ माह के भीतर ऐसा दूसरा हत्याकांड हुआ है। जिले के पथैना गांव में भी आपसी विवाद के चलते आरोपियों ने पिता और दो बेटों की दिन-दहाड़े हत्या कर दी थी। उस हमले में भी फायरिंग की गई थी और मरने वालों में एक आरएसी कांस्टेबल शामिल था। हालांकि, इस हमले के आरोपियों को पुलिस ने जल्द ही गिरफ्तार कर लिया था।
