नई दिल्ली में खेले गए मैच में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पांच मैचों की श्रृंखला के तीसरे टेस्ट में दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया को 4-3 से हरा दिया। भारतीय टीम की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 13 मैच के बाद यह पहली जीत है। शुरुआती दोनों मैचों में जीत दर्ज करने में नाकाम रहा भारत इस अप्रत्याशित सफलता के साथ श्रृंखला को जीवंत रखने में कामयाब रहा। मेहमान टीम को पहले दो टेस्ट मैच में 4-5 और 4-7 से हार का सामना करना पड़ा था।
टीम के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह (12वें मिनट), अभिषेक (47वें मिनट), शमशेर सिंह (57वें मिनट) और आकाशदीप सिंह (60वें मिनट) ने गोल किए जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए जैक वेल्च (25वें), कप्तान एरान जालेवस्की (32वें) और नाथन इफ्राम्स (59वें) ने गोल दागे। श्रृंखला का चौथा मैच शनिवार को और आखिरी मैच रविवार को खेला जाएगा। इस मैच में दोनों टीमों ने धैर्यपूर्वक शुरुआत की और जवाबी हमले की जगह विरोधी टीम को मौका देने से बचने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया ने हालांकि सातवें मिनट मैच का पहला मौका बनाया लेकिन उसके खिलाड़ी भारतीय रक्षापंक्ति को चकमा देने के बाद गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक की सजगता से पार नहीं पा सके।
इसके पांच मिनट के बाद भारतीय कप्तान ने पेनल्टी कॉर्नर पर ताकत का इस्तेमाल करने की जगह ‘प्लेसमेंट’ पर ध्यान देते हुए ऑस्ट्रेलिया के गोलकीपर जोहान डर्स्ट की दाहिनी ओर गोल कर भारत को बढ़त दिला दी। इसके तुरंत बाद युवा खिलाड़ी सुखजीत सिंह ने अपने कौशल का शानदार परिचय दिया लेकिन उनका प्रयास गोल में नहीं बदल सका।
ऑस्ट्रेलिया ने 25वें मिनट में बराबरी हासिल की जब वेल्च ने श्रृंखला का अपना तीसरा गोल किया। श्रीजेश ने पेनल्टी कॉर्नर पर जैरी टिम हावर्ड के प्रहार पर जेरी हेवर्ड की ड्रैग-फ्लिक को विलफ किया लेकिन वेल्च ने रिबाउंड पर इसे गोल में बदल दिया। मध्यांतर के बाद घरेलू टीम ने बढ़ल लेने के लिए अधिक जोर लगाना शुरू किया और दो मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये।
मैच के दूसरे हाफ में 20वें मिनट में भारत के अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने विरोधी टीम के गोल करने के दो और प्रयास को विफल कर दिये। उन्होंने मैदानी शॉट पर शानदार बचाव करने के एक मिनट बाद पेनल्टी कॉर्नर पर ऑस्ट्रेलिया को गोल करने से रोका।
