बिहार में 2 आईपीएस अधिकारियों अमित लोढ़ा और आदित्य कुमार की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। प्रदेश की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज करते हुए हाल ही में उनके तीन ठिकानों पर छापे मारे थे। आईपीएस आदित्य कुमार फिलहाल फरार चल रहे हैं। वहीं, आईपीएस अमित लोढ़ा नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ‘खाकी द बिहार चैप्टर’ के कारण सुर्खियों में हैं। एसवीयू ने मगध रेंज के पूर्व आईजी अमित लोढ़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ी के मामले में केस दर्ज किया है।
इस प्रकरण की बड़ी बात यह है कि राजस्थान जयपुर के मूल निवासी अमित लोढ़ा के खिलाफ शिकायत करने वाले कोई और नहीं बल्कि आदित्य कुमार हैं। अमित लोढ़ा ने ‘बिहार डायरी’ वर्ष 2017 में लिखी थी। इसी किताब पर आधारित वेब सीरीज ‘खाकी द बिहार चैप्टर’ इन दिनों नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित हो रही है। पहले तो इसे लेकर अमित लोढ़ा की तारीफ होती रही, लेकिन आदित्य कुमार द्वारा शिकायत करने पर अमित लोढ़ा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
दोनों आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार और अमित लोढ़ा के बीच विवाद जगजाहिर है। जमीन विवाद और शराब मामले को लेकर इनकी आपसी खींचातान और विवाद की वजह से ही राज्य सरकार ने दोनों अधिकारियों को गया से हटाकर मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कर दिया था। इसके बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच हुई। जांच में शराब केस में आदित्य कुमार पर केस दर्ज किया गया। आदित्य पर डीजीपी को फर्जी कॉल कराने के भी आरोप हैं। अब अमित लोढ़ा पर वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार में मामला दर्ज कर जांच शुरू की जा रही है।
विशेष निगरानी इकाई के अनुसार अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी सेवक के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार और व्यक्तिगत लाभ में वित्तीय अनियमितताएं कीं हैं। नेटफिलिक्स तथा फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ व्यावसायिक कार्य किए। इन दिनों नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज खाकी देखी जा रही है। इसमें अमित लोढ़ा एसपी के रूप में नजर आ रहे हैं।
एसयीयू ने बताया कि अमित लोढ़ा के खिलाफ जांच रिपोर्ट की समीक्षा पुलिस मुख्यालय एवं वरीय प्राधिकार द्वारा विधिवत की गई। इसके बाद निगरानी विभाग के दिशा-निर्देश पर अमित लोढ़ा के खिलाफ पीसी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। विशेष निगरानी इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि इस मामले की जांच की जिम्मेदारी पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है।
