उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को कानपुर के एक कॉलेज में प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए बदमाशों को खुली चेतावनी दी। उन्होंने कहा, अब कोई अपराधी जो एक चौराहे पर बहन-बेटी को छेड़ता हो और दूसरे चौराहे पर डकैती डालने का दुस्साहस करता हो, अब नहीं कर पाएगा। क्योंकि सीसीटीवी कैमरा एक-एक गतिविधि को कैद करके रखेगा।
योगी ने कहा, अगर किसी ने एक चौराहे पर शरारत की या डकैती डाली तो अगले चौराहे पर भागने से पहले ही सारी तस्वीरें कैद हो जाएंगी। अगले चौराहे पर पहुंचते-पहुंचते पुलिस उसको ढेर कर चुकी होगी।
सीएम योगी ने कहा, कानपुर ने अपने उद्योग के लिए पहचान बनाई। कुछ लोगों की नजरें कानपुर पर रहीं और ये शहर दुर्व्यवस्था का शिकार हो गया। कानपुर की पहचान मोक्षदायनी के रूप में बनी। पीएम मोदी ने खुद कानपुर आकर गंगा में गिरने वाले सीसामऊ नाले को बंद कराया। अब नाले को सेल्फी पॉइंट में बदल दिया गया है। नमामि गंगे परियोजना का सबसे क्रिटिकल पॉइंट कानपुर था। आज कह सकता हूं कि कानपुर में किए गए प्रयोग के बाद प्रयागराज में गंगा भी आचमन लायक हो गई है।
आज योगी के आने से पहले सपा विधायक अमिताभ वाजपेई को पुलिस ने घर पर नजरबंद कर दिया। वाजपेई ने कहा, पुलिस झूठे सबूत गढ़ कर विधायक इरफान सोलंकी की सुपारी लेकर आई थी। मुख्यमंत्री के आते ही हर बार की तरह इस बार भी हमारे घर के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया। वहीं, कांग्रेस नेता और प्रदेश सचिव विकास अवस्थी को भी पुलिस ने बर्रा-2 स्थित आवास पर नजरबंद कर दिया। वह शहर में फैले डेंगू और मलेरिया को लेकर सीएम योगी को ज्ञापन देने जा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते पिछले पांच सालों में पुलिस ने 7500 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। इनमें 168 अपराधियों की मौत हुई है। 55 इसमें मुस्लिम वर्ग से हैं। 2900 से ज्यादा अपराधी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। इन 168 में 35 ऐसे लोग थे, जिनके ऊपर पहले से कोई इनामी राशि घोषित नहीं थी। 8 ऐसे थे, जिनके ऊपर 2 लाख रुपए से अधिक की इनामी राशि घोषित थी। इस दौरान मुठभेड़ के दौरान सीओ समेत 14 पुलिसवाले शहीद हुए है। इसके अलावा, 1100 पुलिसकर्मी जख्मी हुए।
