सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बिलकिस बानो केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई नई बेंच को सौंपी जाएगी। जस्टिस बेला ने खुद को इस केस से अलग करने के कारण का खुलासा नहीं किया है।
गुजरात में 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप और उसके परिवार की हत्या करने वाले दोषियों को गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया है, जिसके खिलाफ बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि दोषियों की समय से पहले हुई रिहाई ने “समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है।”
आज जैसे ही जस्टिस त्रिवेदी और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने इस मामले की सुनवाई शुरू की, जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि उनकी बहन जज मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगी।
इसके बाद पीठ ने आदेश दिया कि इस मामले की सुनवाई के लिए उस पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाए, जिसमें हम में से कोई सदस्य न हो। पीठ ने न्यायमूर्ति त्रिवेदी के सुनवाई से अलग होने का कोई कारण नहीं बताया और न ही खुद जस्टिस बेला त्रिवेदी ने इसके बारे में कोई कारण नहीं बताया।
