राहुल ने राजस्थान की कलह को माना सामान्य

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज राजस्थान के सियासी पारे को नीचे लाने की कोशिश की। इस कड़ी में उन्होंने पार्टी के तीन नेताओं को नोटिस का मुद्दा भी हल्के से लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में कोई अनिर्णय की स्थिति नहीं है। थोड़ा-थोड़ा चलता है। हमारी पार्टी फासिस्टवादी नहीं है। राहुल आज शाम जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये हमारी पार्टी का ढांचा है। कभी किसी के अलग विचार हैं, तो हम उसे स्वीकार करते है। बस, ज्यादा नुकसान नहीं होना चाहिए। ज्यादा होता है तो हम एक्शन भी लेते है।

राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में होगा, पूछे जाने पर राहुल जवाब टाल गए। उन्होंने कहा, यह सवाल कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी से पूछें, वे अध्यक्ष हैं, मैं नहीं। सियासी बगावत पर तीन नेताओं को नोटिस के बाद अनिर्णय के सवाल पर राहुल ने कहा कि कोई अनिर्णय के हालत नहीं है, यह होता रहता है।

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पदयात्रा का सबसे अच्छा अनुभव राजस्थान का रहा है। हम डर और नफरत की राजनीति को मिटाना चाहते है। महंगाई और बेरोजगारी को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहे है। मेरी राय हैं कि कांग्रेस पार्टी का मेन मुद्दा आम कार्यकर्ता। जो कार्यकर्ता सडक पर लडता है, उसे हमें जगह देनी है। राजस्थान ही नहीं जहां-जहां यात्रा गई हैं, वहां का अनुभव है कि हमारी पार्टी के लाखों कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि आम नागरिक भी पार्टी से प्यार करते है। केरल के बाद कर्नाटक और सभी जगह इमोशनल रेस्पांस है।

राजस्थान में राहुल गांधी ने बहुत अच्छा महसूस किया है। उन्होंने कहा, यदि हमारे कार्यकर्ताओं का अच्छे से प्रयोग किया गया तो हम जीतेंगे। कहीं कोई समस्या नही है। हमने इन्हें सही जगह दे दी तो क्लीन स्वीप कर देंगे। हमने कार्यकर्ताओं की ताकत देखी है। राहुल ने कहा कि अभी तक यात्रा में 2800 किलोमीटर चले है। लोग एक दूसरे से प्यार करते है। नफरत तो ऊपर से फैलाई जा रही है। कांग्रेस पार्टी विचारधारा की लड़ाई लड़ती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस मुझे और कांग्रेस पार्टी के लिए मानहानि जैसी बात करती हैं। हम आने वाले समय से भाजपा को हराएंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि आज राजनेताओं ओर जनता के बीच दूरी पैदा हो गई हैं। पहले ऐसा नहीं था। उन्होंने स्वीकारा कि शायद मुझमें भी ऐसी दिक्कत थी। ये कोई शारीरिक नहीं. बल्कि दर्द की दूरी है। हर पार्टी में अलग बदलाव होता है। कमियां भी रही हैं। मैने भी गलती की है। अब अपने डीएनए की तरफ जा रहे है। जब कांग्रेस अपनी जड़ पकड़ लेगी, तो फिर कोई उसे हरा नहीं सकेगा। इसमें थोड़ा समय लगेगा, लेकिन हो जाएगा।

उन्होंने कहा, यात्रा से मुझे व्यक्तिगत तौर पर बहुत फायदा हुआ है। बहुत सीखने को मिला है। मेरी भी जनता से थोड़ी दूरी थी, वह खत्म हो गई। जो सड़क पर चलने से दिखता है, वह बिल्कुल अलग होता है। जब सड़कों पर चलते हैं तो थोड़ी थकान और दर्द होता है, हम लाखों लोगों से मिलते हैं, बात करते हैं। जनता का बहुत प्यार मिला है, आपको मैं समझा नहीं सकता। हमारी यात्रा राजनीति करने का दूसरा तरीका है। ये गांधीजी का तरीका है।

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