सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की दो याचिकाओं में से एक को खारिज़ कर दिया है। इस याचिका में बिलकिस बानो ने 2002 की गुजरात सांप्रदायिक हिंसा के दौरान उनके साथ बलात्कार करने और उनके परिवार के कई सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मई 2022 के दिए आदेश की समीक्षा करने की मांग की गई थी। इस आदेश में गुजरात सरकार को दोषियों की रिहाई याचिका पर विचार करने के लिए कहा गया था। हालांकि, बिलकिस की दूसरी याचिका, जो दोषियों की रिहाई के आधार को चुनौती देती है, आज के फैसले से प्रभावित नहीं होगी।
दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका के अलावा सामूहिक बलात्कार पीड़िता ने एक अलग याचिका भी दायर की थी। इसमें एक दोषी की याचिका पर शीर्ष अदालत के 13 मई, 2022 के आदेश की समीक्षा की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से नौ जुलाई, 1992 की अपनी नीति के तहत दोषियों की समय से पहले रिहाई की याचिका पर विचार करने को कहा था।
