पहाड़ों की सर्द हवाओं से ठिठुरा राजस्थान

पहाड़ों से आ रही बफीर्ली हवाओं ने राजस्थान में कड़ाके की सर्दी पड़ने लगी है। शेखावाटी के चूरू, सीकर, झुंझुनूं जिलों में तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। पिलानी, बाड़मेर, बीकानेर में सीजन का सबसे कम पारा रिकॉर्ड किया गया।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश में अब शीतलहर और कोहरा का असर दिखेगा। हिल स्टेशन माउंट आबू में आज लगातार तीसरे दिन पारा जमाव बिंदु पर रहा। उत्तरी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा। इससे कई जगहों पर दोपहर तक सूरज देखने को नहीं मिला।

उत्तर भारत में इस सर्दी के सीजन में कोई बड़ा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं आया, लेकिन इस बीच उत्तरी हवाएं चलने से सर्दी तेज हो गई। सर्द हवाओं से गलन-ठिठुरन बढ़ी है। इससे प्रदेश के अधिकांश शहरों में दिन का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। सर्द हवाओं का असर सरहदी जिलों में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। बीकानेर में आज न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यहां इस सीजन का यह सबसे कम तापमान है। 22 दिसंबर को यहां का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे आया था।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में अगले 2 दिन शीतलहर और कोहरे का असर देखने को मिल सकता है। 26 दिसंबर से उत्तर भारत में एक हल्के प्रभाव का वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय हो सकता है। इसके असर से उत्तरी हवाओं का आना थोड़ा रुक जाएगा और तापमान स्थिर हो जाएगा। दो-तीन दिन वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के असर से पहाड़ी इलाके लद्दाख, कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान एरिया में बर्फबारी हो सकती है। हिमाचल में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। इस सिस्टम के निकलने के बाद मैदानी इलाकों में 30 दिसंबर से वापस बर्फीली हवाएं चलने लगेंगी।

इससे पारा और गिरेगा। हालांकि इस दौरान राजस्थान में मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहेगा और उत्तर राजस्थान के बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ में लोगों को कोहरे से थोड़ी राहत मिल सकती है।

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