35 लोगों की जान लेने वाले जोधपुर के भूंगरा गांव में सिलेंडर ब्लास्ट कांड का सबसे दर्दनाक पहलू 17 महिलाओं की ‘मौत का सच’ है। इस कांड में आग ने तांडव मचाया तो महिलाओं के कपड़े जलने लगे। अपनी जान बचाने के लिए महिलाएं घर से बाहर की तरफ दौड़ीं, लेकिन सामने परिवार और रिश्तेदारों को देख शर्म और लज्जा के कारण वापस घर के अंदर चली गईं। फिर आग ने उन्हें बाहर निकलने का मौका ही नहीं दिया।
राजस्थान की महिलाओं ने अपनी मर्यादा बचाने के लिए जान देना पसंद किया। अगर उस दिन महिलाएं कपड़ों की परवाह नहीं करतीं तो शायद कम मौतें होतीं। हादसे के समय घर में सैकड़ों लोग मौजूद थे, इनमें 58 जल गए।
हादसे के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- मैं उस दिन घर के बाहर खड़ा था। बारात रवाना होने वाली थी। दूल्हे को पाट पर बैठाना था। महिलाएं दूल्हे को रवाना करने की तैयारियों में लगी थीं, बाकी महिलाएं गीत गा रही थीं। 30 से ज्यादा महिलाएं और 15 से ज्यादा बच्चे घर के अंदर थे। आग लगते ही महिलाएं और उनके बच्चे सबसे पहले आग की चपेट में आए।
महिलाओं और बच्चों की भीड़ घर के आंगन के बीच दूल्हे का इंतजार कर रही थी। जिस सिलेंडर में आग लगी, वह महिलाओं, बच्चों के सबसे ज्यादा करीब था। जब आग लगी तो सबसे पहले हाइट छोटी होने के कारण बच्चे चपेट में आए, फिर महिलाएं। इस दौरान पुरुष या तो कमरों में थे, या फिर बाहर खड़े होकर बारात रवानगी का इंतजार कर रहे थे।
आग की लपटें इतनी तेजी से निकलीं कि महिलाओं के कपड़े जलने लगे। कुछ महिलाएं बाहर की तरफ भागने लगीं, लेकिन सामने पुरुष खड़े थे, ऐसे में बदन पर कपड़े नहीं होने पर महिलाएं शर्म के कारण वापस घर के दूसरे कोने की तरफ भागने लगीं। कुछ सेकेंड में ही आग पूरे घर में फैल चुकी थी। यही कारण रहा कि हादसे में महिलाओं की मौत सबसे ज्यादा हुई। इस दौरान घर में मौजूद पुरुष तेजी से बाहर आ गए थे।
घर के अंदर रखे दो गैस सिलेंडर में आग लगी थी। सिलेंडर में आग लगने के बाद गैस प्रेशर से निकल रही थी। आग की तेज लपटें सामने आने वाली हर चीज को जला रही थीं। जैसे आग में लोहा पिघल जाता है, वैसे ही गैस सिलेंडर से भड़की आग के सामने आने वाली हर चीज पिघल रही थी। जिस कमरे में दूल्हे को तैयार किया जा रहा था, वहां रखी अलमारी के लॉकर में बंद गहने तक पिघल गए। कमरे में अब भी सात से आठ पिघले हुए मोबाइल के अवशेष हैं। कई महिलाओं के गहने पिघल कर शरीर से चिपक गए। यहां तक कि घर में रखे बर्तन भी।
(साभारःभास्कर)
