राजस्थान कांग्रेस के बिरला सभागार में आयोजित प्रदेश अधिवेशन में सीएम अशोक गहलोत ने पार्टी के नेताओं को नसीहत दी कि वे यह दुष्प्रचार ना करें कि हमारी सरकार रिपीट नहीं हो रही है। नेताओं को पार्टी के विरोध की बात नहीं कहनी चाहिए।
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिेंदर सिेह रंधावा ने भी यही बात कही कि हम सबको एक साथ जनता के बीच जाना है। कोई मतभेद और मनभेद नहीं होना चाहिए। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा, पंजाब में मेरा नाम सीएम के लिए चला था। फिर मुझे डिप्टी सीएम बनाया। मैनें पार्टी के आदेश को माना। उन्होंने सलाह दी कि हमें कार्यकर्ताओं और जनता की सुननी चाहिए। उनके काम किए जाने चाहिए। सिंह ने ये भी कहा कि पार्टी में अनुशासन जरूरी है। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी, अपना घर भी तभी सही चलता है जब घर में अनुशासन रहे, फिर दल के अंदर तो ये बहुत आवश्यक है।
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि चुनाव सिर पर है, अगर 2023 में सरकार रिपीट करवानी है तो तेरा मेरा गुट छोडना पडेगा। डोटासरा ने कहा कि अधिवेशन में आए सुझावों को संकलित करके राज्य सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू होकर दो माह तक चलेगा।
सम्मेलन में कुछ प्रस्ताव भी पारित किए गए। इसमें केंद्र सरकार की नीतियों को कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रस्ताव रखा। मंत्री भजनलाल जाटव ने इसका अनुमोदन किया। सामाजिक फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया गया। अधिवेशन में पेपर लीक प्रकरण भी उठा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पेपर लीक करने वालों सख्त कार्रवाई की जाए।
