पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियों को अब भारत के हरिद्वार में विसर्जित किया जा सकेगा। नरेंद्र मोदी सरकार ने स्पॉन्सरशिप पॉलिसी में संशोधन किया है। संशोधन के बाद मृतक पाकिस्तानी हिंदुओं के परिवार के लोगों को 10 दिनों का ट्रैवल वीजा दिया जाएगा। वीजा के जरिए वे लोग अपने परिवार के मृत सदस्यों की अस्थियों को हरिद्वार आकर पवित्र गंगा में विसर्जित कर पाएंगे।
पाकिस्तान में कई हिंदुओं की अंतिम ख्वाहिश रहती है कि मरने के बाद उनकी अस्थियों को पवित्र गंगा नदी में विसर्जित किया जाए, लेकिन उनके परिवार के लोगों के लिए अस्थियां लेकर पाकिस्तान से भारत आना आसान नहीं था। ऐसे में मोदी सरकार ने ऐसा कदम उठाया है, जिससे वे सभी परिवार अपने लोगों की अस्थियों की लेकर उत्तराखंड के हरिद्वार आ सकेंगे और अस्थियों को धार्मिक क्रियाओं के अनुसार पवित्र गंगा में विसर्जित कर सकेंगे।
मोदी सरकार की स्पॉन्सरशिप पॉलिसी में संशोधन के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब 426 पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियों को उनके परिवार के लोगों के द्वारा हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित किया जाएगा। वर्तमान में ये अस्थियां कराची के कुछ मंदिरों और श्मशान घाटों और अन्य जगहों पर रखी हुई हैं।
साल 2011 से साल 2016 तक 295 पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियां वाघा बॉर्डर पर भारत भेजी गईं थीं। लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब मृतक के परिवार का ही कोई सदस्य अस्थियों को लेकर हरिद्वार तक आएगा। अभी तक अगर किसी पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालु को भारत आना होता है तो बिना प्रायोजन उसे आने की अनुमति नहीं दी जाती थी। भारत सरकार की पॉलिसी के अनुसार मृतक पाकिस्तानी हिंदू के परिवार के किसी सदस्य को भारत आने के लिए तभी वीजा दिया जाता है, जब कोई उनका भारत में रहने वाला रिश्तेदार या करीबी उन्हें स्पॉन्सर करे।
