केंद्र सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी है। इसके तहत देश में सस्ते दर पर ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर इंसेंटिव दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट मीटिंग के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी है। भारत में लो कास्ट ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर इंसेटिव दिया जाएगा। इस इंसेटिव में 17490 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान होगा।
ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2021 में ग्लासगो में पीएम मोदी ने ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर घोषणा की थी.. नए जॉब की बात भी कही थी। यह ग्रीन हाइड्रोजन मिशन इसी कड़ी में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन, हरित ऊर्जा स्रोतों से हाइड्रोजन पैदा करने पर जोर देता है। यह मिशन भारत को वैल्यू चेन में हाइड्रोजन और फ्यूल सेल टेक्नॉलजी के निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने पर केंद्रित है।
सरकार ने मार्च 2022 को एक प्रेस विज्ञप्ति में इस मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि यह मिशन छोटी अवधि (4 साल) के लिए विशिष्ट रणनीति और लंबी अवधि (10 साल और उससे अधिक) के लिए व्यापक सिद्धांतों को आगे बढ़ाएगा। इसका मकसद वैल्यू चेन में हाइड्रोजन और फ्यूल सेल टेक्नॉलजी के निर्माण के लिए भारत को वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करना है।
