केंद्र सरकार दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की हालत में सुधार पर 2,539 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड नेटवर्क डेवलपमेंट (बीआईएनडी) के तहत सरकार की मंशा लोगों तक सही समाचार, शिक्षा और मनोरंजन पहुंचाने की है। बाइंड को सरकार की आर्थिक कार्य समिति ने साल 2021-22 से साल 2025-26 तक के लिए जारी किया है। सरकार ने कहा है कि इसके जरिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी बनेंगे।
दूरदर्शन और आकाशवाणी का संचालन प्रसार भारती द्वारा किया जाता है। सरकार चाहती है कि बदली ब्रॉडकास्टिंग टेक्नोलॉजी के साथ दूरदर्शन और रेडियों के बुनियादी ढांचे को भी आधुनिक किया जाए। इंफ्रा को अपडेट करने के लिए सरकार 2,539 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
दोनों कंपनियों के पास मौजूद उपकरणों और स्टूडियो को आधुनिक और उन्नत तकनीक से लैस किया जाएगा। ब्रॉडकास्टिंग को स्टैंडर्ड डेफिनेशन से हाई डेफिनेशन में किया जाएगा। मतलब, दूरदर्शन पर वीडियो की क्वालिटी अब और बेहतर हो जाएगी। साथ ही पुराने ट्रांसमीटर्स को बदल दिया जाएगा। सरकार नए एफएम ट्रांसमीटर्स लगाएगी और पहले से मौजूद एफएम ट्रांसमीटर्स को अपग्रेड किया जाएगा। ये अपग्रेड विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाएगा।
सरकार देश के सुदूर, सीमावर्ती और जनजातीय इलाकों में लगभग 7 लाख फ्री डीडी डिश लगाएगी। इस स्कीम के तहत सरकार द्वारा डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) का विस्तार किया जाएगा। इन बदलावों में बेहतर क्वालिटी की सामग्री (कॉन्टेंट) को बनाया जाएगा, ताकि इसे ज्यादा-से-ज्यादा लोगों द्वारा पसंद किया जा सके। पुराने स्टूडियो उपकरण व ओबी वैन को बदल दिया जाएगा। अभी दूरदर्शन के अंतर्गत 36 टीवी चैनल चलाए जाते हैं। इनमें से 28 रीजनल चैनल हैं। वहीं एआईआर के पास 500 ब्रॉडकास्टिंग सेंटर्स हैं।
सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ब्रॉडकास्टिंग उपकरण के निर्माण और उन्हें लगाने में अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पैदा होगा। इसके अलावा जब कॉन्टेंट की क्वालिटी सुधारी जाएगी और उसे बढ़ाया जाएगा तो देशभर में टीवी, रेडियो प्रोडक्शन और अन्य मीडिया संबंधित क्षेत्रों में लगे लोगों के पास भी अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार आएगा और उन्हें अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा।
