संविधान पार्कः गागर में सागर समाया

देश का पहला संविधान पार्क राजस्थान के राजभवन में बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कल इस पार्क का उद्घाटन किया है। पार्क में मूर्तियों, फोटोग्राफ और आर्ट वर्क के जरिए संविधान को रोचक अंदाज में समझाया गया है। पार्क को भारतीय संविधान की पहली मूल कॉपी में इस्तेमाल किए गए आर्टवर्क की थीम पर तैयार किया गया है।

संविधान की पहली कॉपी, संविधान सभा, संविधान सभा की 15 महिला मेंबर, 22 भागों और बड़े प्रावधानों को पार्क में स्टोन आर्ट के जरिए दिखाया गया है। यहां प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के साथ अकबर के दरबार, अंग्रेजों से लड़ने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और टीपू सुल्तान को भी जगह दी गई है।

उसके अलावा भारतीय संविधान के प्रमुख लेख, मौलिक अधिकारों तथा प्रमुख प्रावधानों के साथ संविधान बनने की पूरी प्रक्रिया को दिखाया गया है। संविधान के मुख्य प्रावधानों को भारतीय संस्कृति और देश के अलग अलग भाग की विशेषताओं को आर्ट वर्क के जरिए दिखाया गया है।

संविधान पार्क में भारतीय संविधान के बनने की पूरी यात्रा को दिखाया गया है। कैबिनेट मिशन से लेकर संविधान सभा के बनने, पहली संविधान सभा की बैठक को दिखाया गया है। संविधान सभा के चर्चित सदस्य और उस समय के प्रमुख नेताओं को जगह दी गई है। संविधान की ड्राफ्ट कॉपी के साथ डॉ बीआर अंबेडकर, देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मूर्तियां हैं। संविधान के बनने की यात्रा से लेकर संविधान के मुख्य प्रावधानों को समझाने के लिए ऑडियो गाइड की सुविधा दी गई है। पार्क के बीच में ऑडियो गाइड स्टैंड बनाया गया है। हर मूर्ति व तस्वीर के निकट क्यूआर कोड की सुविधा भी दी गई है, जिसे स्कैन कर मोबाइल पर पूरी जानकारी ली जा सकती है।

पार्क में लगाई गई सभी मूर्तियां गन-मैटल की बनी हैं। फोटोग्राफ को सेफ्टी ग्लास के भीतर की फिल्म पर प्रिंट कर दबाया गया है। ऐसा करने से मूर्तिंयां और फोटो किसी भी मौसम में खराब नहीं होंगी। उनका मूल स्वरूप सालों-साल बना रहेगा।

राजभवन में 26 जनवरी 2022 को संविधान पार्क का शिलान्यास किया गया था और 10 महीने में यह बनकर तैयार हो गया।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने मीडिया से बातचीत में संविधान पार्क बनाने के विचार के बारे में बताया कि, राजस्थान आने के बाद मेरा एक बा वकीलों के कार्यक्रम में जाना हुआ। उस कार्यक्रम में कई जाने माने वकील भी थे। उसी आयोजन से संविधान पार्क बनाने का विचार आया।

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