केंद्र सरकार ने जैनियों के तीर्थस्थल सम्मेद शिखर को सभी पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। यादव ने अपने सोशल मीडिया पर इसकी आधिकारिक जानकारी शेयर की।
मंत्री यादव ने गुरुवार को दिल्ली में जैन समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। उसके बाद यादव ने कहा- झारखंड के पारसनाथ पहाड़ पर स्थित जैनियों के पवित्र तीर्थस्थल सम्मेद शिखर की पवित्रता की रक्षा का आग्रह करने वाले जैन समुदाय के लोगों से मिला। उन्हें आश्वासन दिया कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार सम्मेद शिखर सहित जैन समाज के सभी धार्मिक स्थलों पर उनके अधिकारों की रक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्र सरकार ने 2019 में सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया। गिरिडीह जिला प्रशासन ने नागरिक सुविधाएं विकसित करने के लिए 250 पन्नों का मास्टर प्लान भी बनाया।
यादव से पहले मध्य प्रदेश के मंत्री ओ. पी. सकलेचा की ओर से जानकारी दी गई कि झारखंड में ‘श्री सम्मेद शिखर’ तीर्थ स्थल ही रहेगा। केंद्र सरकार ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर अब श्री सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा, उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने बताया कि तीर्थ क्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं होगा और स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए वहां होटल, ट्रैकिंग और नॉन वेज पर भी रोक रहेगी।
