देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 2600 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत भीम यूपीआई और रूपे डेबिट कार्ड्स से होने वाले कम कीमत के ट्रांजेक्शन पर यूजर्स को वित्तीय इन्सेंटिव दिया जाएगा। ये इन्सेंटिव बैंक द्वारा दिया जाएगा। इसे कैशबैक जैसा समझा जा सकता है। योजना के तहत बैंकों को चालू वित्वर्ष में रुपे और यूपीआई का उपयोग करके ‘पॉइंट ऑफ सेल’ (पीओएस) यानी दुकानों पर लगी भुगतान मशीन और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।
एक आधिकारिक ट्वीट में कहा गया है, मंत्रिमंडल ने रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई के जरिये व्यक्तियों और कारोबारियों के बीच कम राशि के लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। योजना के तहत कम खर्च वाला और उपयोग के लिहाज से सरल यूपीआई लाइट और यूपीआई 123 पे को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि रूपे कार्ड के जरिए डिजिटल पेमेंट पर 0.4 फीसदी का इन्सेंटिव दिया जाएगा। वहीं, भीम यूपीआई के जरिए 2000 रुपये से कम के लेनदेन पर 0.25 फीसदी इन्सेंटिव मिलेगा। इसके अलावा भीम यूपीआई से इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, ज्वैलरी और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जैसे उत्पाद व सेवाएं खरीदने पर 0.15 फीसदी का इन्सेंटिव मिलेगा।
भूपेंद्र यादव के अनुसार यूपीआई के जरिए होने वाली ट्रांजेक्शन दिसबंर में करीब 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया था। इस महीने यूपीआई के जरिए 730 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन हुआ। यह देश की जीडीपी का 54 फीसदी के करीब है। नवंबर में कुल ट्रांजेक्शन की वैल्यू 11.9 लाख करोड़ रुपये थी। साल 2022 में यूपीआई के जरिए 7404 करोड़ ट्रांजेक्शन और हुआ, जिसमें 125 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। उन्होंने कहा कि इसे और बढ़ाने के लिए 2600 करोड़ के इन्सेंटिव का ऐलान किया गया है। इससे पहले 2021 में भी भीम यूपीआई और रुपे क्रेडिट कार्ड को बढ़ावा देने के लिए इन्सेंटिव का ऐलान हुआ था।
