साल 2023 का पहला पर्व मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के लिए जयपुर के बाजार सज गए हैं। परकोटा के हांडीपुरा और अन्य जगहों पर पतंगों की बिक्री चरम पर है। पतंग विक्रताओं के एसोसिएशन के अनुसार संक्रांति से एक दिन पहले आज लोहड़ी के दिन ही रिकॉर्ड 15 करोड़ की पतंगे शहर में बिक चुकी हैं। इस बार कोरोना के बाद पतंगों के दामों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वैसे तो बाजारों में देश के अलग-अलग हिस्सों से बनी पतंगों और मांझे बेचे जा रहे हैं, लेकिन जयपुर में बनी पतंगों का क्रेज सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। तीन हजार से ज्यादा लोग पतंग बनाने में जुटे हुए हैं।
इस साल मकर संक्रांति पर पतंग के 25 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। क्योंकि ठंड के कारण स्कूल बंद होने की वजह से बच्चे ज्यादातर समय पतंग उड़ाने में निकाल रहे है, जिसका सीधा असर इसकी मांग पर पड़ा है। इस साल की बिक्री ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस बार नए साल के साथ ही शहर में हर रोज मकर संक्रांति जैसा माहौल बना हुआ है।
हांडीपुरा में पतंगों के कारोबारी बताते हैं कि बाजार में अलग-अलग तरह की पतंगें बिक रही है। राज्य में एक साल बाद चुनाव है। ऐसे में राजस्थान के राजनेताओं की फोटो वाली पतंगें सबसे ज्यादा बनी है। कुछ जगहों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की छह फीट के करीब की पतंगे बनाई गई हैं। ये पतंगे पन्नी में बनाई होती है, जो तेज हवा में उड़ाई जा सकती है। इनके अलावा देशभर के राजनेताओं और फिल्मी सितारों की पतंगे भी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, अमित शाह, राहुल गांधी, पुतीन, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल सहित कई नेताओं की पतंगें यहां नजर आ रही हैं।
बाजार में इस बार भी पौना, अद्धी व प्रिंटेड पतंगों को लेकर सबसे ज्यादा मांग है। विश्वभर में चल रहे विभिन्न मुद्दों को लेकर भी पतंगे बनाई गई है, जिसमें रूस-यूक्रेन विवाद भी शामिल है। इसके अलावा सोशल मैसेज से जुड़ी पतंगों को भी लोग खरीद रहे है। बच्चों के लिए कार्टून वाली पतंगे सबसे ज्यादा है। बच्चों के लिए स्पेशल कार्टून किरदार पर बनी पतंग बेची जा रही हैं। इनमें मोटू-पतलु, छोटा भीम व डोरेमोन की पतंगें खास है। बच्चों को कार्टून थीम की पतंग रिझा रही हैं। कागज के दामों में वृद्धि से प्रति पतंग में कीमत में वद्धि हुई है। यहां 10 रुपए से लेकर 400 रुपए तक की पतंगे बिक रही है। इसके आलावा ड्रेगन, अप्पू, चांद, बार्बी डोल, प्रिटेंड पतंग और मोदी पतंग लोग खरीद रहे है।
वहीं, मांझे के चरखे 200 रुपए से लेकर 4000 हजार तक बिक रहे है। जयपुर की चरखी और बरेली व जयपुर के मांझे की खूब ब्रिकी हो रही है। चीन के मांझे को लेकर पूरा बाजार सर्तक है। कई जगह स्पेशल काइट फेस्टिवल हो रहे हैं। उनके लिए स्पेशल डिजाइन की पतंगे भी बनाई गई है। इस बार जयपुर में ऑटोमैटिक फिरकी को भी बेचा जा रहा है। इसमें एक बटन दबाने से ऑटोमेटिक फिरकी डोर को लपेटने लगती है। अमूमन पतंगबाज हाथ के जरिये अपनी लम्बी डोर फिरकी घुमाकर समेटता है, लेकिन यह बैटरी संचालित फिरकी इसी साल पहली बार मार्केट में आई है।
