पिछले सप्ताह पंजाब में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अब राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट फील्ड में उतरकर सभाएं करने जा रहे हैं। कल से पांच दिन तक पायलट अलग अलग जिलों में सभाएं करेंगे। इसकी शुरुआत 16 जनवरी को नागौर के परबतसर से होगी। पायलट की सभाओं को किसान सम्मेलन नाम दिया गया है।
नागौर के परबतसर के बाद 17 जनवरी को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में पायलट की सभा रखी गई है।18 जनवरी को झुंझुनूं के गुढ़ा, 19 जनवरी को पाली के सादड़ी में सभा आयोजित की जाएंगी। 20 जनवरी को जयपुर के महाराजा कॉलेज में पायलट की सभा रखी गई है। पांच दिन में पायलट की पांच जिलों में सभाएं सियासी चर्चा का मुद्दा बनी हुई हैं।
सचिन पायलट के फील्ड में उतरकर सभाएं करने का टाइमिंग अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 16 और 17 जनवरी को जयपुर में सरकार के चार साल के कामकाज और आगे की रणनीति पर चिंतन शिविर कर रहे हैं।
इस बीच बजट सत्र से ठीक पहले पायलट की सभाओं से कांग्रेस की अंदरुनी सियासत तेज हो गई है। पांच जिलों में पायलट समर्थक एक्टिव हो गए हैं। सचिन पायलट के विधानसभा के बजट सत्र से पहले फील्ड में उतरने को सियासी शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है।
