राजस्थान में देर रात से बदले मौसम ने बारिश के साथ फसलों पर बरपा दिया। उदयपुर, सिरोही समेत प्रदेश के कई इलाकों में भारी मात्रा में ओले गिरने से किसानों की फसल चौपट हो गई। सड़कों पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई। जयपुर में रविवार दोपहर तक रुक-रुककर बारिश होने के बाद मौसम खुल गया।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से मौसम में बदलाव हुआ है। आज रविवार को जयपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, जोधपुर और बीकानेर संभागों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार 30 जनवरी को भी उत्तर और उत्तर-पूर्वी भागों में बारिश होने की संभावना है। शनिवार शाम करीब 6:30 बजे के बाद बाद मौसम पलट गया। बादल घिरने के साथ कई जगहों पर बिजली कड़की और देर रात तेज बारिश हुई। डूंगरपुर, बूंदी, अलवर, चित्तौड़गढ़, टोंक, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा में अच्छी बारिश हुई है। बूंदी में 11एनएम, डूंगरपुर के कई शहरों में 2-3 एमएम तक, जयपुर शहर के सांगानेर, आमेर, जमवारामगढ़, शाहपुरा, कोटखावदा, चाकसू, जोबनेर, नरैना, बस्सी और मोजमाबाद में 2-4 एमएम तक बारिश हुई।
चित्तौड़गढ़ के किसानों ने बताया कि ओले गिरने से सबसे ज्यादा नुकसान अफीम और गेहूं की फसलों को हुआ है। अफीम के डोडे टूट गए। अब उनमें से अफीम का दूध नहीं निकलेगा। इनके सीपीएस पद्धति (यानी बिना चीरा लगाए नारकोटिक्स को सौंपना था) उनको काफी नुकसान हुआ है। अफीम के पत्ते भी टूट गए। फसलें आड़े गिर गए। रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर में मौसम पलटने से सिणधरी, पादरू इलाके में तेज बारिश हुई। कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई है।
जोधपुर में रविवार सुबह 7 बजे एकाएक मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हुआ, जो करीब 25 मिनट तक चला। इस दौरान कई जगह पर ओले भी गिरे। कुछ देर थमने के बाद सुबह 9 बजे फिर से बारिश का दौर शुरू हुआ, जो देर तक जारी रहा। उदयपुर में डबोक क्षेत्र के भल्लों का गुड़ा गांव में रहने वाले किसानों ने बताया- उनकी फसलें ओलों की वजह से पूरी तरह तबाह हो गई है।
