अडाणी ग्रुप के बयान का जवाब देते हुए हिंडनबर्ग ने कहा, धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब या राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। अडाणी ग्रुप हमारी रिपोर्ट को भारत पर सोचा-समझा हमला बता रहा है। वह अपने और अपने चेयरमैन की बढ़ती हुई आय को भारत के विकास के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है। हम इससे सहमत नहीं हैं।
हिंडनबर्ग ने कहा, हम मानते हैं कि भारतीय लोकतंत्र भिन्नताओं को समेटे हुए है। भारत एक उभरता हुआ सुपर पावर है, जिसका शानदार भविष्य है। पर हम मानते हैं कि भारत के भविष्य को अडाणी ग्रुप ने पीछे खींच रखा है, जो खुद को देश के झंडे में लपेट कर लूट मचा रहा है। हम मानते हैं कि धोखा… धोखा ही होता है। भले ही यह दुनिया के सबसे ज्यादा अमीरों में शामिल किसी शख्स ने ही क्यों न किया हो। हमने 88 सवाल अपनी रिपोर्ट में पूछे थे और अडाणी ग्रुप द्वारा इनमें से 62 सवालों के सही तरह से जवाब नहीं दिए हैं। इसने हमारी रिसर्च को दरकिनार करने की कोशिश की है।
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर कई दशकों से मार्केट मैनिपुलेशन, खातों में गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि अडाणी ग्रुप की सभी प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है और ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर 85 फीसदी से ज्यादा ओवर वैल्यूड हैं।
उल्लेखनीय है कि गौतम अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर साजिश के तहत हमला बताया है। ग्रुप ने 413 पन्नों के जवाब में लिखा है कि अडाणी समूह पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। ग्रुप ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट का असल मकसद अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक फायदे के लिए नया बाजार तैयार करना है।
