वित्त मंत्री ने रेलवे को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि इसको 2.40 लाख करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं, जो रेलवे के लिए अब तक का सबसे ज्यादा बजट आवंटन है। ये साल 2014 में दिए गए बजटीय आवंटन से 9 गुना ज्यादा है।
वित्त मंत्री के अनुसार बुनियादी ढांचा और निवेश हमारी प्राथमिकता है। सरकार ने 33 प्रतिशत कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाया है। ताकि देश के विकास को और तेज किया जा सके। इस साल नए ट्रैक बिछाए जाएंगे, निजी क्षेत्र की भागीदारी भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 10 लाख करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है। रेल, रोड, सड़क सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजी निवेश पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा, देश में परिवहन सुविधा को बढ़ावा देने के लिए 100 ऐसे क्रिटिकल इंफ्रा प्रोजेक्ट की पहचान की गई है, जिनको विकसित किया जाएगा। इनमें कुल 75 हजार करोड़ रुपये का का निवेश किया जाएगा। इस निवेश में 15 हजार करोड़ रुपये निजी क्षेत्र से आने की उम्मीद है।
रीजनल एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए 50 अतिरिक्त एयरपोर्ट, हैलीपोर्ट, वाटर एरोड्रॉम्स और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाए जाएंगे। माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी को बढ़ाने पर भी जोर होगा। इसके लिए खास तौर पर फ्रेट पर केंद्रित 75 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा। यह राष्ट्रीय रेलवे योजना के तहत किया जा रहा है। अभी माल ढुलाई में रेलवे की भागीदारी एक चौथाई ही है, इसे बढ़ा कर 50 फीसदी तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि नई रेल लाइन बिछाने से दूर-दराज के इलाकों तक रेल सेवा को पहुंचाने में मदद मिलेगी। कई रेलवे स्टेशनों के रीडेवलपमेंट प्लान को भी इसमें मदद मिल सकेगी। कुल मिला कर रेल यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और तेज रफ्तार बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। माना जा रहा है कि अब रेलवे बड़ी संख्या में वंदे भारत ट्रेनें शुरू करेगा। रेल मंत्रालय सौ फीसदी इलेक्ट्रीफिकेशन की ओर तेजी से काम कर रहा है। साथ ही ग्रीन एनर्जी को ले कर भी सक्रिय है। इन प्रयासों में बजट आवंटन से मदद मिल सकेगी। ताजा आर्थिक सर्वे में भी कहा गया था कि रेलवे यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। वर्ष 2016 से पहले तक रेल बजट को मुख्य बजट से अलग पेश किया जाता था, लेकिन बाद में इसे मुख्य बजट में शामिल कर लिया गया।
