राजस्थान में इसी साल सभी रेलमार्गों का विद्युतीकरण

राजस्थान में डीजल इंजन का संचालन बंद होने वाला है। रेलवे ने इस वर्ष सम्पूर्ण ब्रॉडगेज नेटवर्क के विद्युतिकरण का लक्ष्य तय किया है। उत्तर पश्चिम रेलवे में पर्यावरण अनूकुल रेल संचालन के लिये ब्राडगेज लाइनों पर विद्युतीकरण कार्य तेज गति से किया जा रहा है। पिछले नौ वर्षों में 3531 किलोमीटर मार्ग के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जो उत्तर पश्चिम रेलवे के कुल 5490 रूट किलोमीटर का 64 फीसदी से अधिक है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे क्षेत्र में विद्युतीकरण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। दिसम्बर 2023 तक सभी रेलखण्डों को विद्युतीकृत करने के लक्ष्य पर काम हो रहा है। अब तक कुल 5490 में से 3531 रूट किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्ष 2022-23 में अब तक 667 रूट किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण पूर्ण कर लिया गया है। जिसमें लूणी–समदड़ी, मावली–भिंडर, उदयपुर सिटी–खारवा चंदा, सीकर–चूरू एवं बिरधवाल–लूणकरणसर रेलखण्डों का विद्युतीकरण पूर्ण किया गया है।

हाल ही में आए रेल बजट में विद्युतीकरण परियोजनाओं को पूर्ण गति देने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे को 1217 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। अन्य विद्युत कार्यों के लिए लगभग 68 करोड रुपए स्वीकृत किये गए हैं। वर्ष 2022-23 में उत्तर पश्चिम रेलवे का जयपुर मंडल 100 फीसदी विद्युतीकृत हो चुका है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्तमान में 2526 किलोमीटर ट्रेक के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है तथा वर्ष 2023-24 में शेष 1959 किलोमीटर रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उत्तर पश्चिम रेलवे की वर्तमान में कुल 94 जोडी यात्री ट्रेनें इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर संचालित हो रही है।

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