उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने अडाणी से जुड़ी घटना में तथ्यात्मक व नियामक पर संक्षिप्त रिपोर्ट मांगी है। उसकी ओर से कहा गया, हमारे हर शब्द का असर होता है। हम किसी संस्था पर सवाल नहीं उठा रहे।
अडाणी स्टॉक क्रैश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से राय मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि भविष्य में फिर से ऐसा न हो, इसके लिए क्या नियामक तंत्र हो? सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञ पैनल बनाने पर विचार करने का सुझाव दिया। पैनल में सेबी, प्रतिभूति क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग के सदस्य हों। कोर्ट ने कहा कि निवेशकों के हितों की रक्षा करना जरूरी है। मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।
याचिकाओं पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की। वकील विशाल तिवारी और मनोहर लाल शर्मा ने याचिकाएं दायर की हैं। विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर मामले की जांच कराने की मांग की है, जबकि मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निर्दोष निवेशकों का शोषण और उनके साथ धोखाधड़ी करने के लिए शार्ट सेलर के खिलाफ जांच किए जाने की मांग की है।
