प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने के लिए दौसा आ रहे हैं। उसके बाद बांदीकुई में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर सियासत शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं ने कार्यक्रम से दूरी बनाए जाने के संकेत दिए हैं। इसपर भाजपा ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि कांग्रेस नेता, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर राजनीति कर रहे हैं।
बताया जाता है कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे हाईवे के लोकार्पण कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्रा शामिल होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी आमंत्रण दिया गया है, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया है।
विधानसभा में कल बजट भाषण के दौरा भी मुख्यमंत्री गहलोत ने साफ कर दिया था कि वो इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे, क्योंकि सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया गया है। गहलोत ने यह भी कहा, मैं अगर कार्यक्रम में जाता तो ईस्टर्न कैनल परियोजना का मुद्दा उठाता और भाजपा व केंद्र सरकार के लोग नहीं चाहते कि मैं इस कार्यक्रम में जाऊं। इसीलिए इस कार्यक्रम को सरकारी कार्यक्रम की वजह राजनीतिक कार्यक्रम का रंग दे दिया गया है।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जाने से इनकार करने के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र जा रहे हैं तो मुख्यमंत्री को जाने में क्या आपत्ति है। उन्होंने कहा, जब हमारे क्षेत्रों में कांग्रेस के हारे हुए विधायक उद्घाटन करते हैं और हमें नहीं बुलाया जाता है तब तो मुख्यमंत्री को कोई आपत्ति नहीं होती है। कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करने आ रहे हैं, मुख्यमंत्री का काम एक्सप्रेस वे का अवलोकन करना है और हमारा काम जनता से मिलना है।
उल्लेखनीय है कि ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर राजस्थान में सियासत जारी है। केंद्र सरकार के बजट में भी ईस्टर्न कैनल परियोजना का जिक्र नहीं होने पर मुख्यमंत्री गहलोत और कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था। राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा नेताओं से कहा था कि सभी को साथ मिलकर प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए और जल्द से जल्द इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करनी चाहिए।
