राजस्थान में अगले वित्त वर्ष (2023-24) से शराब के ठेके सरकारी कर्मचारी चलाएंगे। नीलामी में जिन ठेकों को कोई भी नहीं खरीदेगा, उनको सरकार राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आरटीडीसी), गंगानगर शुगर मिल (जीएसएम) और राजस्थान स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) को चलाने के लिए दी जाएगी। इन विभागों के अधिकारी-कर्मचारी शराब के ठेकों का संचालन करेंगे, ताकि राज्य सरकार को अच्छा राजस्व मिल सके।
राज्य सरकार के लिए शराब, राजस्व का सबसे बड़ा जरिया है। आबकारी ने मौजूदा वित्त वर्ष (2022-23) में 15 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का टारगेट रखा है, जो अगले वित्त वर्ष में बढ़ाकर इससे भी ज्यादा तय करने का अनुमान है।
राजस्थान में आबकारी विभाग हर साल 7665 दुकानों के लाइसेंस जारी करता है। इनमें से जो दुकान संचालक अगले साल के लिए लाइसेंस रिन्यू करवाना चाहेगा, उसका लाइसेंस रिन्यू कर दिया जाएगा। जो रिन्यू नहीं करवाएगा, उन दुकानों को नीलाम किया जाएगा। तीन चरणों में इन दुकानों की नीलामी होगी, जो 13 मार्च से शुरू होगी। दूसरे चरण की नीलामी 20 मार्च को, जबकि तीसरे और आखिरी चरण की नीलामी 27 मार्च को होगी।
आबकारी विभाग ने पिछले दिनों जो नई पॉलिसी जारी की है। उसमें भारत निर्मित अंग्रेजी शराब पर लगने वाली 30 प्रतिशत अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी को हटाने का फैसला किया है। इस निर्णय के बाद अंग्रेजी शराब की बोतल अगले वित्त वर्ष से 10 से 15 रुपए तक सस्ती हो जाएगी।
