भारत सरकार ने अंगदान (ऑर्गन डोनेशन) के लिए वन नेशन, वन पॉलिसी लागू की है। इससे ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन आसान हो सकेगा। सरकार ने इसके लिए अधिवास प्रमाणपत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) की जरूरत को हटाने का निर्णय लिया है। सभी राज्यों को इसके बारे में सूचित किया गया है। अब जरूरतमंद व्यक्ति देश के किसी भी राज्य में जाकर ऑर्गन प्राप्ति के लिए रजिस्टर कर सकेगा और ट्रांसप्लांट भी करवा पाएगा। अभी तक राज्यों की ऑर्गन अलॉटमेंट पॉलिसी में ज़रूरतमंद व्यक्ति को ऑर्गन लेने के लिए डोमिसाइल की जरूरत होती थी। वह केवल अपने ही राज्य में ऑर्गन लेने के लिए रजिस्टर कर सकता था।
नोटिस ऑफ ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप (नोटो) गाइडलाइन के अनुसा 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के ऑर्गन लेने पर पाबंदी थी। लेकिन भारत सरकार ने इस आयु सीमा को खत्म करने का फैसला किया है। यह निर्णय जीवन जीने के अधिकार को ध्यान में रखते हुए भी लिया गया है। अब किसी भी उम्र का व्यक्ति ऑर्गन लेने के लिए खुद को रजिस्टर कर सकेगा।
कुछ राज्य रजिस्ट्रेशन के दौरान ऑर्गन के जरूरतमंद व्यक्ति से 5,000-10,000 रुपये फीस के लिए लेते थे। केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों से ऑर्गन के लिए पैसे लिए जाने पर तत्काल प्रभाव रोक लगाने को कहा है।
ऑर्गन डोनेशन से मरीजों को जरूरत पड़ने पर ट्रांसप्लांटेशन में आसानी होती है। सर्जिकल टेक्नीक्स, ऑर्गन प्रिजर्वेशन और फार्माको-इम्युनोलॉजिक जैसी सुविधाओं में इम्प्रूवमेंट्स से यह आसान हुआ है। इस बारे में जागरूकता लाने को लेकर स्कूल के पाठक्रम में ऑर्गन डोनेशन का पाठ जोड़ा जा सकता है।
