कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा सदस्यों के नोटिस का जवाब दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने नोटिस पर लोकसभा सचिवालय को विस्तारपूर्वक जवाब सौंपा है। साथ ही कहा है कि लोकसभा में की गई टिप्पणी सही है।
संसद में बजट सत्र के पहले हिस्से में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थी। इस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अपनी नाराजगी जताई. जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने 10 फरवरी को निशिकांत दुबे और प्रह्लाद जोशी के राहुल गांधी के खिलाफ दिए गए विशेषाधिकार हनन नोटिस पर 15 फरवरी तक जवाब मांगा था। जवाब न देने पर सख्त कार्रवाई होने की संभावना थी। एक एजेंसी के अनुसार बुधवार को राहुल गांधी ने अपना जवाब लोकसभा के सचिवालय में भेजा है।
राहुल गांधी ने 7 फरवरी को हिंडनबर्ग-अदाणी मुद्दे पर टिप्पणियां की थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी के गौतम अदाणी के साथ संबंध कई साल पहले शुरू हुए थे, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। लेकिन असली शुरुआत तो 2014 के बाद हुई, जब अदाणी वैश्विक अमीरों की सूची में 609वें से दूसरे स्थान पर पहुंच गए। इस दौरान नियमों में कई तरह की ढील दी गई।
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने लोकसभा में की गई अपनी टिप्पणी को सही ठहराते हुए विभिन्न कानूनों और पूर्व के उदाहरणों का हवाला देते हुए कई पन्नों में विस्तारपूर्वक जवाब दिया है। उन्होंने संसद की कार्यवाही से हटाई गई उनकी प्रत्येक टिप्पणी के बारे में लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में जानकारी दी है तथा सबूत दिये हैं।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दिये अपने नोटिस में आरोप लगाया था कि राहुल गांधी की टिप्पणी निराधार थी और उन्होंने ‘असंसदीय और अपमानजनक’ आरोप लगाए।
