सबसे ज्यादा दान पाने वाली पार्टी भाजपा को दान देने वालों में न तो गौतम अडाणी का नाम है और न ही मुकेश अंबानी का। इन दोनों भारतीय अरबपतियों की कंपनियों ने 2021-22 में भाजपा को कोई दान नहीं दिया। पार्टी को मिले करीब 614 करोड़ के दान में 55 फीसदी तो केवल प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने दिया है, जो सबसे बड़ा इलेक्टोरल ट्रस्ट है।
गौरतलब यह भी है कि प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने जो राशि दान में दी, उसका करीब 28 फीसदी पैसा अरबपति स्टील टायकून लक्ष्मी मित्तल के आर्सेलर मित्तल ग्रुप से आया था। 11 फीसदी से ज्यादा भारती एयरटेल ग्रुप से और करीब 10 फीसदी राशि अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट से आई।
चुनाव आयोग को 8 राष्ट्रीय पार्टियों समेत कुल 40 पार्टियों ने 2021-22 में मिले दान का जो ब्यौरा सौंपा है, उसके मुताबिक बसपा समेत 9 पार्टियों ने कहा है उन्हें 1 रुपया भी दान में नहीं मिला। सबसे ज्यादा 614.52 करोड़ का दान भाजपा को मिला है। इसके बाद की दो पायदानों पर दक्षिण की दो पार्टियां हैं। 308 करोड़ रुपए का दान तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके और 193 करोड़ रुपए का दान तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस को मिला है। कांग्रेस को केवल 95 करोड़ का ही दान मिला है।
भाजपा ने जो हलफनामा और दानदाताओं की सूची चुनाव आयोग को सौंपी है, उसके अनुसार 2021-22 में पार्टी को 614.52 करोड़ रुपए बतौर दान मिले हैं। इसमें से करीब 55 फीसदी दान, यानी 336.50 करोड़ रुपए, अकेले प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट की ओर से मिले हैं। पूरे साल में ट्रस्ट ने पार्टी को 26 बार दान दिया है। किसी भी बार दान की राशि 1 करोड़ से कम नहीं थी। सबसे ज्यादा दान 23 फरवरी, 2022 को दिया गया, जो 55 करोड़ रुपए थे। पूरे 336.50 करोड़ की रासि 26 चेक में दी गई थी। इस हिसाब से प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट भाजपा की सबसे बड़ी दानदाता है।
भारत में 22 इलेक्टोरल ट्रस्ट रजिस्टर्ड हैं। इनमें से प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा एक्टिव है। ये ट्रस्ट 2014 में बना था और उस समय नई दिल्ली के वसंत कुंज में भारती एयरटेल की एक इमारत से ही चलता था। भारती एयरटेल ग्रुप ने लगातार इस ट्रस्ट के साथ अपने संबंधों पर सफाई दी है। ग्रुप का कहना है कि ट्रस्ट से सिर्फ भारती एयरटेल ही नहीं, बल्कि डीएलएफ, जेके टायर्स, हीरो मोटोकॉर्प, जिंदल स्टील समेत कई कॉर्पोरेट जुड़े हैं। करीब 33 कंपनियों से प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को दान मिलता रहा है। कंपनी रजिस्ट्रार के अनुसार इस ट्रस्ट में सिर्फ दो शेयरहोल्डर्स हैं…मुकुल गोयल और गणेश वेंकटचलम। दोनों ने ही 2014 में बतौर डायरेक्टर जॉइन किया था।
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने चुनाव आयोग को बताया है कि 2021-22 में उसे कंपनियों से कितना पैसा मिला और इसमें कितना किस पार्टी को दान में दिया गया। इस दस्तावेज के अनुसार ट्रस्ट ने 464.81 करोड़ रुपए 2021-22 में राजनीतिक पार्टियों को दान में दिए गए। इसमें से 72.39 फीसदी राशि सिर्फ भाजपा को दान में दी गई। कांग्रेस पार्टी को तीन तरह से दान दिया गया, जो कुल 16.5 करोड़ थे। मतलब, ट्रस्ट के कुल दान का सिर्फ 3.54 फीसदी ही कांग्रेस को दिया गया।
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को अलग-अलग कंपनियों और लोगों से 2021-22 में मिले कुल 464.83 करोड़ रुपए में से 464.81 करोड़ अलग-अलग राजनीतिक दलों को दान में दिए गए। ट्रस्ट के पास 5 बड़े कॉर्पोरेट ग्रुपों के दान से ही 60.4 फीसदी पैसा आया है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी स्टील टायकून लक्ष्मी मित्तल के आर्सेलर मित्तल की है। इस ग्रुप की दो कंपनियों ने करीब 28 फीसदी पैसा दिया।
पार्टियां किसी व्यक्ति, ट्रस्ट या कंपनी से मिले का दान का ब्यौरा तो चुनाव आयोग को सौंपती हैं, लेकिन इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिये मिलने वाले पैसे का जिक्र नहीं होता। 2018 में सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड की स्कीम शुरू की थी। इसके तहत एसबीआई अपनी शाखाओं के जरिये इलेक्टोरल बॉन्ड्स बेचती है। कोई भी व्यक्ति या कंपनी ये बॉन्ड्स खरीद सकते हैं। एक बार खरीदने के बाद ये बॉन्ड किसी भी राजनीतिक पार्टी को दान में दिए जा सकते हैं। पार्टी बिक्री के 15 दिन के अंदर-अंदर इन बॉन्ड को कैश करवा सकती है। लेकिन न तो बॉन्ड खरीदने वाले को ये बताना होता है कि उसने बॉन्ड किसे दिया और न ही पार्टियों को बताना होता है कि ये बॉन्ड किसने दिया। मार्च 2018 से लेकर दिसंबर 2022 के बीच करीब 11700 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड बिके हैं। हालांकि बॉन्ड खरीदने वालों के नाम और किस पार्टी को किसने बॉन्ड दान दिया, ये ब्यौरा सरकार के पास रहता है, लेकिन ये जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है। (साभारः भास्कर)
